एशिया मे हॉकी के शिखर पर पहुँचा, भारतीय महिला-हॉकीदल!

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
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 ५ नवम्बर की तारीख़ भारतीय महिला-हॉकीदल के लिए स्वर्णिम रही। भारतीय महिला-हॉकीदल ने अपने अपराजेय-क्रम को जारी रखते हुए, कोरियाई दल को सेमी फ़ाइनल मे २-० पराजित कर, फ़ाइनल मे प्रवेश किया था, जबकि जापान ने चीन को सेमी फ़ाइनल मे २-१ हराकर फ़ाइनल तक की यात्रा तय की थी। इस तरह झारखण्ड राज्य की राजधानी राँची के 'मरांग गोमके जयपाल सिंह मुण्डा एस्ट्रो टर्फ़ हॉकी-स्टेडियम' मे भारत और जापान के मध्य खेले गये  फ़ाइनल-मुक़ाबले मे भारत ने जापान को ४-० से पराजित कर, चैम्पियनशिप ट्रॉफ़ी पर अपना अधिकार कर लिया है। इससे पूर्व भारत ने वर्ष २०१३ और २०१८ मे रजतपदक जीते थे।  प्रकाश-प्रौद्योगिकी मे ख़राबी आने के कारण निर्धारित समय रात्रि ८.३० बजे फ़ाइनल मैच शुरू न हो सका था। यही कारण था कि लगभग ४५ मिनट-विलम्ब मे शुरू हुए फ़ाइनल मैच के आरम्भ होते ही भारत और जापान की खेलाड़िने आक्रामक तेवर मे दिख रही थीं। मैच के पहले १५वें मिनट मे जापान की कप्तान यूरी नगाई गोल पोस्ट के सामने थीं और उनके सामने केवल भारतीय गोलरक्षिका, कप्तान सविता पूनिया थीं; लेकिन गेंद पर नियन्त्रण खोने के कारण वे गोल करने का सुनहरा अवसर खो चुकी थीं। इसी तरह से भारत को भी एक मौक़ा मिला था, जिसे दीपिका गेंद को स्टिक पर लेकर भागती रहीं और जब गोल करने का मौक़ा मिला तब वे गेंद और स्टिक का अपना संतुलन खो चुकी थीं। पहले क्वार्टर मे भारतीय खेलाड़िनो ने आक्रामक शैली मे व्यूह-रचना करते हुए, संगीता कुमारी को जो पास दिया था, उसे उन्होंने १७वें मिनट मे जापान के विरुद्ध मैदानी गोल कर दिखाया था।

दूसरे क्वार्टर मे जापानी खेलाड़िने बहुत हमलावर दिख रही थीं, जिसका परिणाम था कि उसकी खेलाड़िन ने एक ज़ोरदार हिट लगाकर भारत के विरुद्ध अपना पहला गोल कर दिया था; परन्तु गोल करने से पहले गेंद जापानी खेलाड़िन के हाथ को छू चुका था; किन्तु रेफ़्री ने गोल दे दिया था, जिसे लेकर भारतीय दल ने उसे चुनौती दी थी। भारतीय दल की उस वैधानिक चुनौती को टी० ह्वी० अम्पायर ने सही ठहराया था, परिणामत: उस गोल को निरस्त किया गया था। मैच मे पहले क्वार्टर तक किसी भी दल को पेनाल्टि कॉर्नर नहीं मिला था; परन्तु दूसरे क्वार्टर मे जापान को एक-के-बाद-एक लगातार तीन पेनाल्टि कॉर्नर मिले थे, जिन्हें गोल मे तब्दील करने मे उसकी खेलाड़िने असमर्थ रहीं।

तीसरे क्वार्टर मे जापानी खेलाड़िने बेहतर प्रदर्शन करती दिख रही थीं। उस क्वार्टर के चौदहवें मिनट मे भारतीय दल को गोल करने का सुनहरा मौक़ा मिला था, जिसके लिए भारत की आक्रामक पंक्ति पूरी तरह से लग गयी थी; परन्तु जापानी रक्षापंक्ति ने शानदार तरीक़े से गोल होने से बचा लिया था।

इस मैच मे पहली बार ऐसा देखा गया था कि जिस भारतीय दल को खेल के पहले क्वार्टर मे अनेक पेनाल्टि कॉर्नर मिल जाते थे, उसे तीसरे क्वार्टर तक एक भी पेनाल्टि कॉर्नर नहीं मिला पाया था। यह इस बात का प्रमाण है कि जापानी दल यह सोचकर मैदान पर उतरा था कि उसे भारतीय दल को पेनाल्टि कॉर्नर आसानी से नहीं लेने देंगे। तीसरे क्वार्टर मे कोई भी दल गोल नहीं कर सका था।

यही कारण था कि चौथे और अन्तिम क्वार्टर मे १४ मिनट २१ सेकण्ड होते ही भारत को इस मैच का पहला पेनाल्टि कॉर्नर मिला था, तब तक भारत १-० से आगे था। यहाँ भी जापान-जैसा ही भारत को लगातार तीन पेनाल्टि कॉर्नर मिले थे, जिनमे से तीसरे पेनाल्टि कॉर्नर को नेहा ने ४६वें मिनट मे गोल मे बदलकर भारत को २-० से बढ़त दिला दी थी।

जापान को चौथे और अन्तिम क्वार्टर के ८ मिनट ११वें सेकण्ड मे पेनाल्टि कॉर्नर मिला था, जो भारतीय खेलाड़िनो की लापरवाही के चलते 'पेनाल्टि स्ट्रोक' मे बदल गया था। जापान के उस पेनाल्टि स्ट्रोक को भारतीय कप्तान एवं गोलरक्षिका सविता पूनिया ने बचा लिया था, जबकि पेनाल्टि स्ट्रोक का मतलब 'सीधा गोल' होता है। बहरहाल, भारतीय दल ने २-० की अपनी अग्रता बनाये रखी थी।

भारत को मैच के उत्तरार्द्ध मे ४ मिनट १ सेकण्ड मे जो पेनाल्टि कॉर्नर मिला था, उसे लालरेमसियामी ने गोल मे परिवर्त्तित कर, ३-० से बढ़त बना ली थी।

इतना ही नहीं, मैच-समाप्ति के ४९वें सेकण्ड मे वन्दना कटारिया ने भारत के लिए मैदानी गोल कर, अपने देश को ४-० से आगे कर द दिया था। इस तरह भारतीय महिला-हॉकी दल जापानी महिलादल को ४-० से पराजित कर, ‘झारखण्ड एशियाई हॉकी चैम्पियनशिप ट्रॉफ़ी– २०२३’ की चैम्पियन ट्रॉफ़ी जीत ली है। उल्लेखनीय है कि भारतीय दल ने दूसरी बार यह चैम्पियनशिप-ट्रॉफ़ी जीती है। इससे पहले उसने वर्ष २०१६ मे सिंगापुर मे इस चैम्पियनशिप पर अधिकार किया था। दूसरी ओर, जापान-महिला-हॉकीदल अब तक दो बार (वर्ष २०१३ और वर्ष २०१६) इस ट्रॉफ़ी को जीत चुका है।

‘हॉकी इण्डिया’ ने भारतीय महिला-हॉकीदल को ‘झारखण्ड महिला एशियाई चैम्पियन्स ट्रॉफ़ी– २०२३’ जीतने पर प्रोत्साहनस्वरूप दल के प्रत्येक सदस्य को ३ लाख रुपये और सहयोगी स्टाफ़ के प्रत्येक सदस्य को १ लाख ५० हज़ार रुपये देने की घोषणा की है।


महत्त्वपूर्ण तथ्य : एक दृष्टि मे
◆ इस फ़ाइनल मैच से पहले भारत-जापान महिला-हॉकीदल ३० बार मैच खेल चुके हैं।
◆ जापान ने १४ बार भारत को पराजित किया था और भारत ने जापान को १३ बार।
◆ ३ मैच अनिर्णित रहे थे।
◆ अब भारत ने जापान को हराकर १४-१४ जीत का आँकड़ा बराबर कर दिया है।

ज्ञातव्य है कि ‘राउण्ड रॉबिन लीग-चरण’ के आधार पर खेले गये उक्त टूर्नामेण्ट मे कुल ६ दलों ने भाग लिया था, जिनमे भारत, चीन, जापान, कोरिया, मलेशिया तथा थाइलैण्ड के हॉकी-महिलादल सम्मिलित थे।


भारतीय महिला हॉकी-दल से संस्कार सीखे
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भारत-जापान के मध्य खेले जानेवाले फ़ाइनल मैच से पूर्व जापानी खेलाड़िनो ने हाथ जोड़कर और दोनो हाथ मिलाकर अतिथियों अभिनन्दन किया था, जबकि भारतीय खिलाड़िने एक हाथ मिलाती दिखीं। इतना ही नहीं, पुरस्कार ग्रहण करते समय भी हाथ मिलाकर आगे बढ़ती रहीं, जबकि जापान और चीन की खिलाड़िने हाथ जोड़कर आगे बढ़ती रहीं। ऐसा दृश्य देखकर लगता है कि भारतीय खेलाड़िने अपनी संस्कृति और सभ्यता के प्रति सजग नहीं हैं, जबकि विदेश खेलाड़ी-खेलाड़िने जब अन्तरराष्ट्रीय और वैश्विक समारोहों मे करबद्ध मुद्रा मे अपने स्वागत-अभिनन्दन तथा सम्मान को स्वीकार करती हैं और हमारे खेलाड़िन-खेलाड़ी वही कृत्य हाथ मिलाकर करते हैं तब हमारा मस्तक लज्जा से झुक जाता है।

 भारत की दीपा ग्रेस एक्का को 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' का पुरस्कार दिया गया था और 'राइजिंग स्टार ऑफ़ द मैच' का पुरस्कार संगीता कुमारी। इस टूर्नामेण्ट मे भारत ने पहला (स्वर्णपदक), जापान ने दूसरा (रजतपदक) तथा चीन ने तीसरा स्थान (काँस्यपदक) प्राप्त किया है। कोरिया को चौथे, मलेशिया को पाँचवें तथा थाइलैण्ड को छठे स्थान पर रहते हुए, संतोष करना पड़ा था। 

एशियाई टूर्नामेण्ट की विशेष बातें
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◆ इस टूर्नामेण्ट मे भारतीय दल ने सर्वाधिक २७ गोल किये हैं।
◆ चीन की तेज़-तर्रार खेलाड़िन जियांग झोंग को इस टूर्नामेण्ट मे सर्वाधिक ७ गोल करने के लिए 'टूर्नामेण्ट ऑफ़ द प्लेयर' का पुरस्कार दिया गया।
◆ भारत की संगीता कुमारी को 'राइज़िंग स्टार ऑव टूर्नामेण्ट' का पुरस्कार दिया गया था।
◆ भारत की कप्तान एवं गोलरक्षिका सविता पूनिया को 'वीमन लीडर ऑफ़ द टूर्नामेण्ट का पुरस्कार दिया गया।
◆ भारत की अति प्रतिभाशालिनी खेलाड़िन सलीमा टेटे को 'प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेण्ट' का पुरस्कार दिया गया था।
◆ जापान की एकियो सनाका को 'श्रेष्ठ गोलरक्षिका' का पुरस्कार दिया गया।
एशियाई महिला-हॉकी-चैम्पियनशिप ट्रॉफ़ी–२०२३ मे भारत के अपराजेय-क्रम का विवरण
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◆ भारतीय दल ने अपने पहले मैच मे मलेशिया को ५-० से पराजित किया है।
◆ भारतीय दल ने चीन को २-१ से हराया था।
◆ भारतीय दल ने जापान को २-१ से परास्त किया था।
◆ भारतीय दल ने मलेशिया पर ३-० से जीत अर्जित की थी।
◆ भारत ने कोरिया पर ४-० से विजय पायी थी।
◆ भारत ने थाइलैण्ड को भी ४-० से हराया था।

(सर्वाधिकार सुरक्षित― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; ६ नवम्बर, २०२३ ईसवी।)