एशियाई महिला हॉकी-चैम्पियन्स ट्रॉफ़ी मे भारतीय दल प्रभावहीन रहा, यद्यपि एक गोल से जीता

एशियाई हॉकी-चैम्पियनशिप मे आज (१२ नवम्बर) राजगीर (बिहार) मे खेले गये कोरिया के विरुद्ध भारतीय महिलादल की पेनल्टी-स्ट्रोक के कारण जीत हुई; परन्तु कुल मिलाकर, उसका प्रदर्शन प्रभावहीन रहा। उसके दो खेलाड़िनो को ‘ग्रीन कार्ड’ और एक को ‘येलो कार्ड’ दिखाये गये थे, जो खेलभावना के विपरीत था। भारतीय दल को लगातार चार पेनल्टी-कॉर्नर मिले थे और कुल मिलाकर, सात पेनाल्टि कॉर्नर; परन्तु भारतीय महिलादल उन्हेँ गोल मे बदलने मे असमर्थ रहा। ६० मिनट के पूरे खेल मे भारत को पाँच बहुत आसान मैदानी गोल करने के अवसर मिले थे, जिसे गोल मे न बदल पाने के लिए मुख्य ज़िम्मादार ब्यूटी डंग-डंग रही।

आरम्भ के दो चक्र मे भारतीय खेलाड़िनो का दबदबा बना रहा, जिसमे दो गोल भारत के पक्ष मे रहे, जबकि बाद के दो चक्र मे कोरियाई दल पूरी तरह भारतीय दल पर दबदबा बनाये रहा, जिसका परिणाम रहा कि उसने स्वयं के विरुद्ध दोनो गोल को उतार दिये थे। ऐन मौक़े पर भारतीय दल को एक पेनल्टि-स्ट्रोक मिला था, जिसे दीपिका ने गोल मे बदल कर ३-२ से मैच को जीत लिया था।

कोरियाई महिलादल को एक पेनाल्टि कॉर्नर और एक पेनाल्टि-स्ट्रोक दिये गये थे, जिसे उसने गोल मे बदल दिये थे।

भारतीय महिलादल को पेनाल्टि-कॉर्नर को गोल मे बदलने के लिए कठोर अभ्यास करना होगा।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १२ नवम्बर, २०२४ ईसवी।)