दक्षिणअफ़्रीका के विरुद्ध भारत की अपराजेय सफलता

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय


ऐसा प्रतीत होता है, मानो भारत दक्षिणअफ़्रीका से अपने टेस्ट क्रिकेटमैच-शृंखला में पराजित होने का बदला ब्याज-सहित, एकदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबिले में ले रहा हो। एक-के-बाद-एक जिस तरह से भारतीय दल दक्षिणअफ़्रीका को पराजित करता आ रहा है, उसकी कोई भी काट खोज पाने में वह असफल सिद्ध हो चुका है।
भारत ने केपटाऊन (दक्षिणअफ़्रीका) में खेले गये तीसरे एकदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय मैच में दक्षिणअफ़्रीका के सामने जीतने के लिए ५० ओवरों में ३०३ रनों का लक्ष्य दिया था। भारत की शुरुआत बहुत अच्छी नहीं थी। रोहित शर्मा दक्षिणअफ़्रीका के तेज़ गेंदबाज़ों, विशेषत: रबाडा की शॉर्ट पिच गेंदों को खेलने में पूरी तरह से नाकाम दिख रहे थे, वहीं अजिंक्य रहाणे को ऑफ स्टम्प के बाहर जाती, उछलती हुई गेंद के साथ अनावश्यक रूप में छेड़ख़ानी करने के कारण पैवेलियन का रुख़ करना पड़ा था। शिखर धवन और विराट कोहली की सुदृढ़ भागीदारी के कारण भारत की स्थिति मज़बूत दिखने लगी थी। भारत ने १२४ रनों से पराजित करते हुए, छ: मैचों की शृंखला में ३-० की अपराजेय अग्रता अर्जित कर ली है।
अब दक्षिणअफ़्रीका के बल्लेबाज़ी करने की बारी थी।उसके सारे खिलाड़ी ३०३ रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए, यजुवेन्द्र चहल और कुलदीप की चक्करदार गेन्दों के सामने मात्र १७९ रनों पर ढेर हो गये थे। दोनों ने मिलकर ४-४ विकेट लिये थे। डुमिनी के अलावा कुछ देर ठहरकर बल्लेबाज़ी करने की सामर्थ्य अन्य खिलाड़ियों में नहीं दिखी थी।
विराट कोहली के मात्र १५९ गेन्दों में अविजित १६० रन बनाने और शानदार क्षेत्ररक्षण करने के कारण उन्हें ‘मैन ऑव़ द मैच’ का पुरस्कार दिया गया।
(सर्वाधिकार सुरक्षित : डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, इलाहाबाद; ७ फ़रवरी, २०१८ ई०)