● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
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भारतीय महिला-हॉकीदल ने राजगीर (बिहार) मे आज (२० नवम्बर) सलीमा टेटे के नेतृत्व मे खेले गये बिहार महिला एशियाई हॉकी-चैम्पियन्स-ट्रॉफ़ी, राजगीर– २०२४ की प्रतियोगिता के फ़ाइनल मे चीन को १-० से पराजित कर, चैम्पियन्स ट्रॉफ़ी जीत ली है। यह भारत की लगातार दूसरी चैम्पियनशिप रही है तथा उसने कुल मिलाकर, तीसरी बार एशियाई चैम्पियन्स ट्रॉफ़ी जीती है।
भारतीय खेलाड़िनो के लिए चिन्ताजनक बात यह है कि वे पेनाल्टि-कॉर्नर को गोल मे बदलने मे विफल दिख रही हैँ, यद्यपि भारतीय दल की सर्वाधिक प्रभावकारी खेलाड़िन दीपिका ने इस बार पेनाल्टि-कॉर्नर से ही इकलौता गोलकर अपने देश को सर्वजेता बनाया है। भारत को कुल पाँच पेनाल्टि-कॉर्नर और एक पेनाल्टि-स्ट्रोक दिये थे, जिनमे से एक पेनाल्टि-कॉर्नर सफल रहा। एक प्रकार से निश्चित गोल होनेवाला पेनाल्टि-स्ट्रोक को दीपिका ने बरबाद कर दिया। दूसरी ओर, जापान को कुल दो पेनाल्टि-कॉर्नर मिले थे, जो व्यर्थ सिद्ध हुए।
भारत की दोनो गोल-रक्षिकाओँ :– बिच्छू देवी और सविता का प्रदर्शन शानदार और जानदार रहा। लीग मैच से फ़ाइनल तक मे उनके गोलरक्षण का ही प्रभाव रहा कि भारतीय दल के विरुद्ध कुछ ही गोल हो पाये थे। इस पूरे टूर्नामेण्ट मे भारत की तेज़-तर्रार खेलाड़िन, हरियाणा की बेटी दीपिका सर्वाधिक ११ गोलकर अपनी उपयोगिता और महत्ता लगातार सिद्ध करती आ रही है।
इस पूरे टूर्नामेण्ट मे भारतीय दल की रक्षात्मक और प्रतिरक्षात्मक पंक्तियोँ का कलात्मक और आक्रामक प्रदर्शन देखते ही बन रहा था। सेण्टर और लेफ़्ट-राइट- विंग मे सामंजस्य देखते ही बन रहा था। यही कारण है कि भारतीय दल सर्वाधिक समय तक प्रतिपक्ष के पाले मे ही खेलता दिख रहा था और सर्वाधिक पेनाल्टि-कॉर्नर भी उसे ही मिलते रहे। भारत की ब्यूटी डम-डम, सनीमा टेटे, नेहा, प्रीति दुबे ने भारत के लिये इनफील्ड अच्छे मूव बनाये।
मलेशिया की गोलरक्षिका को टूर्नामेण्ट का सर्वश्रेष्ठ गोलरक्षक करार दिया गया। चीन की जिनजुआंग को सर्वोत्तम खेलाड़िन का पुरस्कार; टूर्नामेण्ट की सर्वोत्तम गोलरक्षिका का पुरस्कार जापान की गोलरक्षिका को; सर्वाधिक गोल करनेवाली खेलाड़िन भारत की दीपिका को ११ गोल करने के लिए ‘प्लेयर ऑव़ द टूर्नामेण्ट’ का पुरस्कार दिया गया।
भारत को स्वर्णपदक (१०००० डॉलर), चीन को रजतपदक (७००० डॉलर) तथा जापान को काँस्यपदक से (५००० डॉलर) सम्मानित किया गया। तीनो देश की प्रत्येक खेलाड़िन को क्रमश: स्वर्ण, रजत तथा काँस्यपदक से सम्मानित किया गया। चीन और जापान की खेलाड़िनो ने हाथ जोड़कर अभिवादन करते हुए, पदक ग्रहण किये थे। अन्त मे, भारतीय कप्तान सलीमा टेटे को ‘एशियाई चैम्पियन्स ट्रॉफ़ी’ प्रदान की गयी।
(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २० नवम्बर, २०२४ ईसवी।)