सूचना आयुक्त ने खंड विकास अधिकारी पर 25 हजार रुपये का लगाया जुर्माना

कछौना, हरदोई। आरटीआई कानून भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का मजबूत हथियार है। उसके सही उपयोग से भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसी जा सकती है। अपने क्षेत्र की प्रमुख जन समस्याओं को हल कराने के लिए आरटीआई का उपयोग कर हल सकते हैं। ऐसा कार्य भरावन के आरटीआई एक्टिविस्ट अशोक भारती ने क्षेत्र की जनसमस्याओं सहित भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करते हैं।

विकासखंड भरावन की विभिन्न ग्राम सभाओं के विकास कार्यों, शौचालय संबंधित तीन बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। लगातार तीन वर्ष तक आरटीआई एक्टिविस्ट अशोक भारती को सूचना प्राप्त करने के लिए ब्लॉक मुख्यालय से आयोग तक चक्कर लगाते रहे। परंतु विभागीय अधिकारी हीला हवाली करते रहे। जिससे आवेदक निराश हो जाए, कई बार एक्टिविस्ट को प्रलोभन दिया गया, परंतु आरटीआई एक्टिविस्ट अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटे, वह लगातार संघर्ष करते रहे। वह आसपास के परिवेश में बदलाव के लिए शतक लगे रहे। समाज व राष्ट्र के लिए सदैव प्रयत्नशील रहे, आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। मामले की गंभीरता को समझते हुए माननीय राज्य सूचना आयुक्त श्रीमती रचना पाल ने जन सूचना अधिकारी कार्यालय खंड विकास अधिकारी भरावन को सूचना न दिए जाने को दोषी पाए जाने पर सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 20(1) के तहत 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 25हजार रुपये जुर्माने की कार्यवाही की। आवेदक को हुई परेशानी व क्षति की भरपाई करना पड़ेगा, इस सफलता से आरटीआई एक्टिविस्ट उत्साहित है। भ्रष्टाचार को उजागर करने में उन्होंने प्रथम सफलता प्राप्त कर ली है, वहीं सूचना न उपलब्ध कराने वाले के हौसले पस्त हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट अशोक भारती ने बताया उनकी मुहिम जारी है। सूचना का अधिकार कानून से आम लोगों को बहुत ताकत मिली है।

रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता