निर्णायक वीरेन्द्र शर्मा को ‘अन्तरराष्ट्रीय अम्पायरिंग’ से हटाया जाये

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

यह हिमाचलप्रदेश का व्यक्ति है। इसका चयन अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में निर्णायक (आम्पायर) की भूमिका-निर्वहण करने के लिए किया गया है; परन्तु इसने कल (१८ मार्च) अहमदाबाद में खेले गये भारत-इंग्लैण्ड टी-२० मैच में तीसरे निर्णायक (थर्ड अम्पायर/टी० ह्वी० आम्पायर) की भूमिका का निर्वहण करते हुए, भारत के दो खिलाड़ियों को आऊट घोषित कर दिया था।

निर्णायक वीरेन्द्र शर्मा

स्मरणीय है कि कल सूर्यकुमार यादव जिस आक्रामक शैली में इंग्लैण्ड के हर गेंदबाज़ पर प्रहार कर रहे थे, उससे लगने लगा था कि भारत की कुल रनसंख्या २०० अथवा २०० से अधिक बन सकती थी। अचानक अपरिपक्व निर्णायक वीरेन्द्र शर्मा ने इंग्लैण्ड के खिलाड़ी-द्वारा कैच करते समय ज़मीन को छू रही गेंद पर भी सूर्यकुमार यादव को आऊट कराया था। इतना ही नहीं, उसी निर्णायक ने वेंकट सुन्दरम् को भी ग़लत तरीक़े से कैचआऊट कराया था।

इस निर्णायक वीरेन्द्र शर्मा के विरुद्ध ‘कारण बताओ’ का ज्ञापन देकर स्पष्टीकरण माँगने होंगे, अन्यथा अन्य निर्णायक निरंकुश होते दिखेंगे। ‘अम्पायर्स काल’ के नियम को समाप्त करना होगा, अन्यथा अच्छे खिलाड़ी “बलि के बकरे” बनते रहेंगे।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १९ मार्च, २०२१ ईसवी।)