मोदी-सरकार-द्वारा सत्ता का खुला दुरुपयोग कब तक?

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

आज काँग्रेस के मुखर प्रवक्ता पवन खेड़ा के विरुद्ध अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हुए, भारतीय जनता पार्टी की सरकार की असोम-राज्य- पुलिस-द्वारा दिल्ली वायुयान-केन्द्र से उन्हें यह कहकर अकस्मात् विमान से उतारा गया कि उनका बैग बदल गया था, जबकि ऐसा नहीं था। वह बहाना इसलिए था कि विमान से उतरते ही उन्हें गिरिफ़्तार कर लिया जाये और हुआ भी वैसा। उन्हें गिरिफ़्तार करने के लिए भारतीय जनता पार्टी, असोम की पुलिस पहुँची थी। पवन खेड़ा का मेडिकल कराया गया और उच्चतम न्यायालय मे पेश कराया गया। पवन खेड़ा रायपुर मे आयोजित किये जानेवाले काँग्रेस के पचहत्तरवें अधिवेशन मे भाग लेने के लिए विमान से जा रहे थे।

पवन खेड़ा को उच्चतम न्यायालय ने अन्तरिम ज़मानत का आदेश कर दिया है। उनकी गिरिफ़्तारी पर रोक लग चुकी है और उनके विरुद्ध देश के तीन थानो मे दर्ज़ करायी गयीं एफ० आइ० आर० को एक स्थान पर केन्द्रित कर, सुनवाई करने के उनके अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के तर्क को उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ने स्वीकार कर ली है। कुल मिलाकर, शीघ्र गिरिफ़्तार कर, असोम ले जाने के मंसूबे पर पूरी तरह से पानी फिर गया।

पवन खेड़ा पर बनारस मे एक पत्रकार-वार्त्ता मे भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के नाम को भूलवश ‘नरेन्द्र गौतम मोदी’ मात्र कह देने के कारण इतना बड़ा क़दम असोम की पुलिस की ओर से उठाया गया था, जबकि उसी समय अपनी भूल के लिए पवन खेड़ा ने सार्वजनिक रूप से लिखित रूप मे (ट्वीटर पर) क्षमा भी माँगी थी।

उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, असोम के मुख्यमन्त्री तथा भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमन्त्री तथा उनकी सरकार के न जाने कितने नेताओं ने क्या-क्या कहा था।

इस अप्रत्याशित नाटकीय क्रम और राजनैतिक नाटक का फ़िलहाल पटाक्षेप हो चुका है और भारतीय जनता पार्टी-सरकार की हार हो चुकी है।

(सर्वाधिकार सुरक्षित― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २३ फ़रवरी, २०२३ ईसवी।)