क्या छापों या गिरफ़्तारियों से भ्रष्टाचार रुकेगा?

देशवासियों!

यह बात उतनी ही सत्य व प्रामाणिक है जितने हमारे सनातनी वेद।

नरेन्द्र मोदी जी का मकसद राजनैतिक या आर्थिक भ्रष्टाचार खत्म करना मकसद नहीं है, अगर उनका वास्तव में जड़ से भ्रष्टाचार खत्म करना मकसद होता तो वे ED/सीबीआई/IT जैसी संस्थाओं का उपयोग कदापि नहीं करते बल्कि 100% Digital Currency System कांसेप्ट को लागू करने में RBI की मदद करते और यह काम वे बखूबी कर डालते।

मोदी जी जानते हैं ED/सीबीआई/IT छापों या गिरफ़्तारियों से भ्रष्टाचार कभी नहीं रुकेगा।

ऐसा भी नहीं है कि उन्हें इस भ्रष्टाचार को जड़ से रोकने का स्थाई समाधान नहीं पता, उन्हें 2012 से इस बारे में पता है उनके पास इसे रोकने का एक मुकम्मल प्लान भी उपलब्ध कराया गया था एक निजी संस्थान द्वारा।

लेकिन उनकी स्वयं कि मंशा व निष्ठा नहीं है क्योंकि अगर 100% DCS लागू हुई तो उनके अपने साथी भ्रष्टाचारी सब तबाह हो जायेंगे और भाजपा स्वयं रोड पर आ जाएगी।

क्योंकि आज जो भाजपा है वह दुनिया कि एकलौती पार्टी है जो अपने पॉवर के दम पर आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुयी पार्टी बन चुकी है।

जिसके ठोस प्रमाण सार्वजनिक मंचों पर उपलब्ध हैं।

आज सीबीआई हो या ED हो या Income Tax जैसी संस्था ये सिर्फ कुराजनैतिक सडयंत्र का एक Toolkit मात्र रह गयी हैं जिसका पूरा अस्तित्व मोदी सत्ता के रहमोकरम पर टिका है या आगामी सरकारों के रहमोकरम पर टिका रहेगा।

ऐसे किसी भी संस्थान को सुप्रीम कोर्ट कि दखल से तत्काल निष्क्रिय किया जाना अनिवार्य हो चुका है अन्यथा लोकतंत्र पूर्ण रूप से खत्म हो जायेगा।

कल किसी और पार्टी की सरकार बनेगी तब भी इन एजेसियों का यूँ ही इस्तेमाल किया जायेगा।

मौजूदा digital युग में इन आर्थिक अपराधों को रोकने वाली सभी संस्थानों को तुरंत बंदकर RBI के द्वारा 100% DCS को लागु किया जाये।

क्योंकि 100% DCS लागू होते ही 100% करप्शन, 100% नकली नोट, 100% कालाधन, 100% tax चोरी व 100% मोनेटरी क्राइम स्वतः खत्म हो जायेंगे।

फिर मौजूदा किसी एजेंसी को छापा या गिरफ़्तारी का ढोंग नहीं करना होगा।

देश का व्यापार व राजनैतिक गतिविधियां पूर्णतः शुचितापूर्ण सुचारु होंगी।

✍️???????? (राम गुप्ता, स्वतंत्र पत्रकार)