दुष्कर्म के बाद हत्या व दलित एक्ट के आरोप में आजीवन कारावास की सजा पाए कैदी ने संदिग्ध अवस्था मे जहरीला पदार्थ खा लिया जिसको इलाज के लिए जेल प्रशासन ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां चिकित्सकों ने सस्पेक्टेड प्वाइजनिंग के मामले में भर्ती करके कैदी का उपचार करना शुरू कर दिया वही जेल में जहरीला पदार्थ कैसे पहुंचा और कैदी ने जहर क्यों खाया यह चर्चा का विषय है और जेल प्रसाशन मामले पर पर्दा डालने में लगा है।
बता दें की जिला कारागार में बंद कल्लू उर्फ जयसिंह पुत्र शिवकुमार मल्लावां कोतवाली क्षेत्र के अजीत खेडा का निवासी है।वर्ष 2008 में दुष्कर्म के बाद हत्या व दलित एक्ट के मामले में इसको आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।यह जिला कारागार में 8 अगस्त 2008 से बंद है।बुधवार की देर रात जेल प्रशासन की तरफ से इसको जिला कारागार में इलाज के लिए भर्ती कराया गया जहां चिकित्सकों ने संदिग्ध जहरीले पदार्थ के प्रभाव में आने के कारण भर्ती कर लिया और उपचार शुरू कर दिया है।जेल प्रशासन ने कैदी की माँ विजयवती भाई जसवंत व बहन सुमन को एक पत्र भेजकर मामले की जानकारी देकर उपचार में सहयोग करने को कहा है।जेल प्रशासन मामले को दबाने में लगा है।वही कुकर्मों को छुपाने के लिए जेल प्रशासन ने मीडिया कर्मियों से भी अभद्रता कर कैमरे बंद कराने का प्रयास किया।