‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय
—आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
उत्तरप्रदेश के मुख्यमन्त्री आदित्यनाथ योगी के हम उस आदेश का स्वागत करते हैं, जिसमें उन्होंने विलम्ब से ही सही कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में पढ़ा रहे लगभग ५,००० अध्यापकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों, अंतालिकाओं आदिक दस्तावेज़ों के परीक्षण कराने का निर्देश प्रसारित किया है। अब उत्तरप्रदेश के मुख्यमन्त्री शासकीय प्राथमिक-माध्यमिक शालाओं में उन अध्यापकों की पहचान करायें, जो पाठशालाओं में न जाकर, अपने अन्य काम-धन्धे करते हैं तथा कुछ अय्याशी करते हैं। ऐसे लोग अपने स्थान पर पाँच-दस हज़ार रुपये देकर अन्य लोग के पढ़ाने की व्यवस्था किये हुए हैं। इसमें सम्बन्धित प्रधानाध्यापकों की साफ़ तौर पर साँठ-गाँठ रहती है। ऐसे भी महिला-पुरुष अध्यापक और प्रधानाध्यापक हैं, जो नियमित रूप से पाठशाला नहीं जाते और पूरा वेतन लेते हैं। ऐसे लोग की पूरी कर्मकुण्डली खँगालने का अब समय आ चुका है।
अब समय आ गया है कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमन्त्री अपनी जागरूकता का परिचय देते हुए, बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को प्रतिमाह दो बार शासकीय प्राथमिक शालाओं में अकस्मात् जाकर वहाँ की अध्यापन-नीति और व्यवस्था का निरीक्षण करने का आदेश प्रसारित करे। वे अधिकारी सम्बन्धित प्रधानाध्यापकों और अध्यापकों के विषय-ज्ञान का परीक्षण भी करें-करायें। उनमें जो असफल रहें, उन्हें तत्काल बाहर का रास्ता दिखा दें; परन्तु विश्वसनीय साक्ष्य के रूप में समस्त कार्यवाही का पारदर्शितापूर्ण चलचित्रांकन भी करायें। इतना ही नहीं, बेसिक और माध्यमिक शिक्षामन्त्रियों को भी माह में एक बार किसी-न-किसी पाठशाला में अचानक जाकर वहाँ की अध्यापन-पद्धति को समझना होगा; अध्यापकों- प्रधानाध्यापकों के विषयज्ञान के स्तर को समझने के लिए उनसे बच्चों को पढ़ाने के लिए कहना होगा और उसके आधार पर अध्यापकों की योग्यता का निर्धारण करना होगा। इसके लिए मुख्यमन्त्री को विशेष रूप से रुचि लेनी होगी। अकस्मात् कराये गये समस्त निरीक्षण-परीक्षणों का बिना किसी भेद-भाव के चलचित्रांकन कराना होगा। इस पूरी प्रक्रिया में जो भी बेसिक शिक्षा अधिकारी असमर्थ और अयोग्य सिद्ध हो, उसे मुख्यमन्त्री तत्काल निलम्बित कर दें। उत्तरप्रदेश के मुख्यमन्त्री को भी स्वत: संज्ञान के आधार पर उक्त शालाओं में जाना चाहिए, जिससे वे वास्तविकता से अनभिज्ञ न रहने पायें।
(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; ११ जून, २०२० ईसवी)