पौधरोपण-जनान्दोलन को यादगार बनाने हेतु पिता की प्रथम पुण्यतिथि पर स्वतंत्र पत्रकार ने रोपे पीपल के पाँच पौधे

कछौना, हरदोई। वृहद वृक्षारोपण जन आंदोलन के तहत कछौना के वरिष्ठ पत्रकार पी०डी० गुप्ता ने अपने पिता की प्रथम पुण्यतिथि पर पौधारोपण कर श्रद्धांजलि दी। 

गुरुवार को स्वतंत्र पत्रकार पी०डी० गुप्ता ने दिवंगत के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि पिता का दुनिया से जाना पुत्र के लिए गहरा सदमा है। पिता के जाने के बाद पुत्र पर परिवार की जिम्मेवारी आ जाती है। पिता की प्रथम पुण्यतिथि पर गांव के खलिहान की भूमि पर स्वतंत्र पी०डी० गुप्ता ने परिवार के सदस्यों सहित पांच पीपल के पौधे लगाए और उनकी देखभाल करने की शपथ ली। इस दौरान कहा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पीपल के पेड़ का बहुत महत्व माना गया है। पीपल के पेड़ को नीम और तुलसी के साथ सबसे बड़े ऑक्सीजन प्रदाताओं के रूप में जाना जाता है। कई वैज्ञानिक शोधों में यह सिद्ध हो चुका है, कि पीपल के पत्तों के साथ हवा का प्रवाह वातावरण में संक्रमण फैलाने वाले जीवाणुओं को धीरे-धीरे मारता है। अन्य पेड़ों की तुलना में पीपल रात में भी ऑक्सीजन को छोड़ता है। 

वहीं आयुर्वेद के अनुसार, पीपल का पेड़ कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं और बीमारियों के इलाज में काफी उपयोगी है। पीपल का पेड़ अपने औषिधीय प्रभाव से पचास से अधिक शारारिक विकारों को ठीक कर सकता है। यह हमें चौबीसों घंटे प्राणवायु देता है।                 

इस अवसर पर स्वतंत्र पत्रकार पी०डी० गुप्ता व परिवार के सदस्यों सहित गांव के लोग मौजूद रहे।