मुझे तो मुल्क-ए-हिन्दोस्तान पर होना शहीद है

            हरदोई– साहित्यिक संस्था उन्मुख व काव्यांजलि के संयुक्त तत्वावधान में सरस्वती एजुकेशनल इंस्टिट्यूट  में काव्य दोपहरी का आयोजन किया गया।कवि गोष्ठी का शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि अखिलेश अग्निहोत्री ने मां शारदा के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वल न कर किया।
      कार्यक्रम का शुभारम्भ अनमोल शुक्ल की वाणी वंदना से हुआ। युवा रचनाकार आकाश सिंह ने *हमें पागल समझती हो,तो हम पागल ही अच्छे है* कविता पढ़ तालियां बटोरी। युवा रचनाकार अजीत तोमर ने ‘मुझे तो मुल्क ए हिन्दोस्तान पर होना शहीद है’ कविता पढ़ देशभक्ति की अलख जगाई। कवयित्री कल्पना श्रीवास्तव ने  *मैं दुख की रजनी हूं जो जीना सहज सिखाती हूं** गीत पढ़ा।
 व्यंग्यकार सतीश शुक्ल  ने अपनी व्यंग्य रचना  *महबूबा पटक दे अगर मोदी जी के साथ सेना पर उठता नहीं पत्थर वाला हाथ’* पढ़ श्रोताओं को गुदगुदाया। कार्यक्रम संयोजक गोपाल ठहाका ने  *सोची समझी साजिश का ही झगड़ा है ,पूरे जीवन कदम कदम पर लफड़ा है*  कविता पढ़ वाहवाही लूटी।
संचालन कर रहे हास्य कवि अजीत शुक्ल ने  *टीपू को बार-बार यह चिंता सता रही, आजम का योगी नाम राधेश्याम न कर दे* कविता पढ़ श्रोताओं  को गुदगुदाया। श्याम त्रिवेदी पंकज ने  *कुछ हवन भारतीय हितकर ने संविधान में दें स्वयं देकर को जन्मे हस्त लकीरों में भारत का मानचित्र लेकर* कविता काफी सराही गयी। निशानाथ अवस्थी निशंक ने  *दीप जल उठे गली गली आई है दीपावली* कविता पढ़ वाहवाही लूटी।हाथरस से पधारी कवयित्री रुबिया खान की कविता *पाक सुन ले बात आज राज की मेरी,भारती के सामने औकात क्या तेरी* सराही गयी। गीतकार जयशंकर मिश्र ने अटल जी को समर्पित कविता सुनाई। कौशलेंद्र राष्ट्रवर ने *विश्व गुरु की संतति शासित प्रज्ञा के भंडार जगा* कविता पढ़ी। श्यामसुंदर श्रीवास्तव द्वारा आए हुए कवियों का अतिथियों का आभार प्रकट किया गया।कार्यक्रम में गौरव श्रीवास्तव, सरला देवी, बबली श्रीवास्तव , अजीत कुमार आदि उपस्थित रहे।