मेहनत से खुलते हैं प्रगति के द्वार

राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’ शिक्षक, साहित्यकार


मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। ये पंक्तियां व्यक्ति को मेहनती बनाती है। मेहनत से ही सफलता मिलती है। मेहनत करने से ही किसी व्यक्ति जाति या देश के विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। चाहे गली मोहल्ले की साफ सफाई का काम हो या अन्य काम।व्यक्ति की कर्म भावना ही उसे समाज मे सम्मान दिलाती है। वह अपने कर्मों से महान बनता है। महात्मा गांधी ने अपने कर्मों से पहचान बनाई।संसार मे ऐसे कई उदाहरण देखने को मिलते है जिन्होंने मेहनत कर मुकाम हासिल किया। सरदार बल्लभ भाई पटेल ने देशी रियासतों का एकीकरण किया। महात्मा गांधी ने सत्य अहिंसा के बल पर अंग्रेजों की दासता से हिंदुस्तान को आज़ाद कराया। हरिजनों अछूतों को सम्मान दिलाया । जातिवाद छुआछूत को बन्द कराया। सभी भारतीयों को संविधान के तहत समान अधिकार दिलाये। ए पी जे कलाम एम एस स्वामीनाथन जैसे महापुरुष इस देश मे मेहनत कर आगे बढ़े। हमें देश के विकास के लिए अन्धश्रद्धा अंधविश्वास का त्याग करना होगा।

बया चिड़िया कितना सुन्दर घोंसला बनाती है। शहद इकट्ठा कर मधुमक्खी कितनी मेहनत करती है। अलग अलग जगह से अलग अलग पुष्पों से पराग लाती है। रस एकत्रित करती है। चीटियाँ सो सो बार चढ़ती और फिसलती है। लेकिन कभी हार नहीं मानती।भारत देश को विकसित देशों की श्रेणी मैं लेन के लिए सभी भारतीयों को जापान के नागरिकों की तरह मेहनत करनी होगी।केवल इच्छा करने मात्र से कभी लक्ष्य की पूर्ति नही होती।अकर्मण्य व्यक्ति को कभी भी विजयश्री प्राप्त नही होती ।मेहनत नई शक्ति व चेतना का प्रतीक होती है।मेहनत करने से शरीर स्वस्थ और मन प्रसन्न रहता है।विश्व मे जितने भी महान व सफल लोग हुए हैं वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी होने के साथ-साथ मेहनती भी थे।अब्राहम लिंकन, महात्मा गांधी, नेपालियन आदि ने संघर्ष व मेहनत से सफलता प्राप्त की।सफल जीवन के लिए मेहनत के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नही है।

सूरज कभी थकता नहीं। रात दिन चलता ही रहता है। हमें मेहनत करने की सीख देता है। पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मेन कलाम ने कहा था कि “आत्मविश्वास व कड़ी मेहनत असफलता नामक बीमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है।ये आप को एक सफल व्यक्ति बनाती है।”

मेहनत रंग लाती है जो कर्मनिष्ठ होते हैं। मेहनत के आगे गरीबी या अमीरी आड़े नहीं आती। यह हमारा दृष्टिकोण तय करता है। इसलिए व्यक्ति को अपना लक्ष्य खुद को बनाना चाहिए और उस पर सीधा चल कर लक्ष्य तय करना चाहिए।

स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि मनुष्य अपरिमित शक्तियों का स्वामी है। मनुष्य कुछ भी और सब कुछ कर सकता है। हमें जीवन मे मेहनत कर आगे बढ़ना चाहिए।


98,पुरोहित कुटी,श्रीराम कॉलोनी
भवानीमंडी,जिला झालावाड़, राजस्थान