श्री एम. वेंकैया नायडू को आज भारत के 13वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई। राष्ट्रपति भवन में आयोजित विशेष समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। ईश्वर की शपथ लेता हूं कि, ईश्वर की शपथ लेता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा। इस समारोह में उपस्थित गणमान्य लोगों में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कई राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा कई केन्द्रीय मंत्री और सांसद उपस्थित थे।
राष्ट्रपति भवन जाने से पहले श्री नायडू ने आज सवेरे राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने पंडित दीन दयाल उपाध्याय और सरदार पटेल को भी श्रद्धांसुमन अर्पित किए। शपथ लेने के बाद श्री नायडू संसद पहुंचे और राज्यसभा के सभापति का कार्यभार संभाला। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडु ने पदभार संभालने के बाद सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के बजाय बहस और चर्चा को मुख्य प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने सदस्यों को भरोसा दिलाया कि वे हर सदस्य को मौका देने की पूरी कोशिश करेंगे। उन्होंने सदस्यों से कहा कि वे इस बात का ध्यान रखें कि विकास के फायदे सबसे गरीब तबके को भी पहुंचे। हम सबको लोगों के जीवन को बेहतर बनाने, उन्हें ज्यादा अवसर मुहैया कराने के लिए विकास के क्रम को तेज करना होगा और इसके लिए प्रतिस्पर्धा और सहयोग की भावना के साथ काम करना होगा। आइए इस राष्ट्रीय प्रयास में अपनी-अपनी भूमिका निभाएं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के पद की सदैव गरिमा बनाए रखूंगा और आपके विश्वास पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा।
राज्यसभा में सदस्यों ने नये सभापति एम वेंकैया नायडू का स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री नायडू को बधाई देते हुए कहा कि वे ग्राम स्तर से उठे हैं और देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के किसान परिवार में जन्में श्री नायडु संसद का लंबा अनुभव लेकर इस उच्च पद पर आसीन हुए हैं। वेकैंया जी नायडु देश के पहले ऐसे उपराष्ट्रपति बने हैं, जो स्वतंत्र भारत में जन्म लिया है। श्रीमान वेकैंया जी ये ऐसे पहले उपराष्ट्रपति बने हैं, मैं समझता हूं शायद वो अकेले ऐसे है जो इतने सालों तक इसी परिसर में इन्हीं सबके बीच में पले है, बढ़े है। शायद ही देश को पहले ऐसे उपराष्ट्रपति मिले हैं जो इस सदन की हर बारीकी से परिचित हैं।
प्रधानमंत्री ने विद्यार्थी आंदोलन और जयप्रकाश नारायण के देशव्यापी आंदोलन में श्री नायडु की सक्रिय भूमिका का स्मरण किया। श्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना श्री नायडु की पहल पर ही शुरू की गई है। हम सभी सांसदों के लिए गर्व की बात है देश को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की कल्पना, उसकी योजना ये तोहफा अगर किसी ने दिया तो यह हमारे उपराष्ट्रपति जी ने दिया। आदरणीय वेकैंया जी ने दिया । सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि श्री नायडु का सभापति चुना जाना देश में लोकतंत्र और संविधान की विजय का सूचक है।