महाशिवरात्रि का महापर्व कल


रामू बाजपेयी

पाली (हरदोई)- भगवान भोले नाथ का महापर्व महाशिवरात्रि का त्यौहार पूरे देश मे बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है।महाशिवरात्रि हिन्दुओं विशेषकर शैव भक्तगणों का एक प्रमुख त्यौहार है । यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है।

फाल्गुन मास में पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि पर्व के रूप में मनाया जाता है मनाया जाता है। अधिकतर लोग यह मान्यता रखते है कि इसी दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

इस दिन भक्त भगवान भोले नाथ के मंदिरों में जाकर उनकी पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ पूजा अर्चना करते है । भक्त भूतभावन भोले नाथ को तरह-तरह के भोग लगाकर उनको प्रसन्न करने का प्रयास करते है । वैसे भगवान भोले नाथ पर बेलपत्र चढ़ाने का कुछ विशेष ही महत्व है । इस दिन भगवान भोले नाथ को जल और बेलपत्र भी चढ़ाते हैं ।

महाशिवरात्रि व्रत के लाभ-

शिवरात्रि के दिन सुबह से ही मन्दिरों व शिवालयों में भक्तों का तांता लग जाता है। भक्तों का मानना है कि जो भी उ का व्रत पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ रखते है उनके जीवन में किसी प्रकार का कोई कष्ट नहीं होता । उनका घर धन-धान्य से हमेशा परिपूर्ण रहता है। इतना ही नहीं लोगों का यहाँ तक मानना है कि अगर किसी की शादी विवाह में अड़चन आ रही है तो भगवान भोले नाथ के इस व्रत को करने से दूर हो जाती है।

इस मंदिर में लगता है महाशिवरात्रि को विशाल मेला-

हरदोई जिले के भरखनी ब्लॉक के ग्राम धानी नगला के पास स्थित बिबियापुर शिव मंदिर में यूँ तो हजारों भक्तो का तांता लगा रहता है । परन्तु महाशिवरात्रि को यहाँ पर आने वाले भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। ये मंदिर सिद्धेश्वरनाथ शिवमंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। भक्तों के मुताबिक बाबा सिद्धेश्वरनाथ बहुत ही दयालु हैं । जिसने भी इनसे जो मांगा उसे प्राप्त हुआ।

पण्डित नीलेश शुक्ल के मुताबिक मन्दिर का इतिहास काफी पुराना है । सिद्धेश्वरनाथ शिवलिंग की स्थापना माता कुंती के द्वारा पाण्डव काल में की गई थी।

महाशिवरात्रि को मन्दिर पर लिखने से होती है हर मनोकामना पूरी-

एक मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि को जो भक्त अपनी मनोकामना मन्दिर पर लिख कर जाते हैं उनकी मनोकामना सिद्धेश्वरनाथ तुरन्त पूरी करते हैं । इसीलिए मन्दिर का नाम सिद्धेश्वरनाथ है ।