मायावती-अखिलेश यादव की बैठक, गठबंधन और सीटों के बंटवारे को लेकर होगी बड़ी डील

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच बहुत जल्द एक मुलाकात हो सकती है। यह मुलाकात लखनऊ में ही होने की संभावना जताई जा रही है। अखिलेश और मायावती की इस मुलाकात में कैराना और नूरपुर के उपचुनाव के साथ ही 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे पर भी चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है। सपा-बसपा मिलकर लड़ेंगे चुनाव मायावती पिछले काफी समय से दिल्ली में है और उनका पूरा ध्यान कर्नाटक चुनाव पर है। कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के साथ आने के बाद बसपा की स्थिति अभी तक साफ नहीं हो पाई है। सूत्रों की अगर मानें तो लखनऊ वापस लौटने के बाद मायावती की अखिलेश से इसको लेकर बात हो सकती है।

आपको बता दें कि मायावती ने कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान यह साफ कर दिया है कि वह सीबीआई जांच से डरने वाली नहीं हैं और लोकसभा चुनाव में बसपा-सपा गठबंधन मजबूती से उतरेगा। जल्द होगा औपचारिक ऐलान वैसे सपा-बसपा गठबंधन के भविष्य को लेकर अखिलेश यादव भी खासे उत्साहित हैं और वह भी इसे एक मजबूत गठजोड़ बता चुके हैं। अखिलेश के इस दावे पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी कर्नाटक में खुद मुहर लगा दी। मायावती ऐलान कर चुकी हैं कि बसपा 2019 का लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी से मिलकर लड़ेगी। सपा-बसपा गठजोड़ को बेजोड़ करार देते हुए मायावती ने कहा कि बहुत जल्द इस गंठबंधन को लेकर औपचारिक ऐलान भी कर दिया जाएगा। संगठन को खड़ा करने की कवायद वहीं दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की कवायद भी तेज कर दी है। इसको लेकर गुरुवार को पार्टी मुख्यालय बसपा प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर ने पार्टी कोऑर्डिनेटरों के साथ बैठक की। वैसे तो यह बैठक बसपा सुप्रीमो मायावती लेती हैं लेकिन कर्नाटक चुनाव में व्यस्त होने की वजह से यह जिम्मेदारी राजभर को सौंपी गई है। राजभर ने बैठक में कोऑर्डिनेटरों निर्देश दिया कि जिला, विधानसभा और सेक्टर का काम चल रहा है और इसे 31 मई तक पूरा करा लिया जाए। इसके बाद 1 जून से बूथ कमेटियों के गठन का काम शुरू होगा। संगठन में आने वालों को बसपा वालेंटियर फोर्स का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।