बिना लाइसेंस के खुले में संचालित हैं मीट की दुकानें, बिना चिकित्सीय परीक्षण के काटे जाते हैं पशु

कछौना, हरदोई। कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्र में खुले रुप से मीट व मछली की दुकानें अवैध रूप से चल रही है। इनके अवशेष खुले में फेंकने के कारण संक्रामक बीमारी फैलने की प्रबल संभावना है। मानकों को ताक पर रखकर सैकड़ों की संख्या में दुकानें बिना लाइसेंस की चल रही है।

सामाजिक कार्यकर्ता रमेश कुमार ने पूरे मामले की शिकायत जिला प्रशासन से की है। बताते चलें कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्र पड़री, अरसेनी, गाजू, गौसगंज, हथौड़ा, खजोहना, बालामऊ, डबल नहर पुल (महरी), तुसौर (बिबियापुर), कलौली, समसपुर आदि स्थानों पर संचालित है। मीट बिक्री के लिए लाइसेंस जारी नहीं की गई है। जबकि नियमानुसार स्लॉटर हाउस में ही पशुओं को काटना चाहिए। काटने से पहले पशुओं का चिकित्सीय परीक्षण कराना भी अनिवार्य है।

प्रतिदिन हजारों पशुओं का कटान बिना चिकित्सक परीक्षण के किया जा रहे हैं। यह दुकानदार पशुओं का वध करने के बाद उनके अवशेषों को दुकान के पास खुले में डाल देते हैं। जिससे गंदगी का अंबार रहता है। खुला खून बहता रहता है। लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा खिलवाड़ किया जा रहा है। जिला प्रशासन के अनुसार नगरी क्षेत्र में मीट, मुर्गा, मछली बिक्री और काटने का लाइसेंस नगरी निकाय और ग्रामीण क्षेत्र में जिला प्रशासन विभाग जारी करता है।

जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी सतीश कुमार ने बताया मीट, मुर्गा, मछली की अवैध दुकानों पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। नियमों का पालन न करने वाली मीट मुर्गा आदि की दुकानें बंद कराई जाएंगी।

रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता