बेनीगंज– कोथावां ब्लाक की ग्राम पंचायत श्यामपुर में बालश्रम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जहां सरकार एक तरफ नाबालिग बच्चों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त करा रही है, वहीं पर ग्राम पंचायत श्यामपुर के मजरा गोबिंदपुर के नजदीक गिरधारी बाबा देवस्थान के पास चकरोड का निर्माण छोटे-छोटे नाबालिग बच्चों से करवाया जा रहा है। बच्चे मजबूर होकर अपनी जीविका चलाने के लिए मनरेगा मे कार्य कर रहे हैं। जिन बच्चों के हाथ में किताब और कापी होना चाहिए उन बच्चों के हाथ में फावड़ा थमाया गया है। ग्राम प्रधान मधु देवी द्वारा सरकारी नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
मामला बीते गुरुवार का है। मौके पर मौजूद चकमार्ग का निर्माण कार्य कर रहे संदीप पुत्र सुरेश ने बताया कि जिस कार्य को वह कर रहे हैं वो मनरेगा योजना के तहत है ही नहीं। उन्होंने 150 रुपए मीटर करने के लिए कार्य को ग्राम प्रधान से ठेके पर लिया है।
नाबालिग अनिल पुत्र कमलेश, विकास पुत्र कल्लू ने पूछे जाने पर अपनी उम्र 17 वर्ष बताई जिस पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि गणेश मिश्रा ने कहा कि उक्त कार्य मै अपनी ओर से करा रहा हूं। कार्य का मस्टर रोल व आईडी जारी नहीं है। कहा कि सभी कार्य करने वाले पांचों लोग ग्राम पंचायत लोधौरा के हैं।
ग्राम पंचायत अधिकारी सन्तोष कुमार को मामले की जानकारी ही है। उन्होंने तो क्षेत्रीय पत्रकार से ही पूछ लिया कि मुझे बताएं ये कार्य हो कैसे हो रहा है? हालांकि उन्होंने माना कि अगर ऐसा किया जा रहा है तो गलत है। उन्होंने कहा कि मैं ग्राम पंचायतों में रोज तो नहीं पहुंच पाता हूं और मौका मिलते ही रोजगार सेवक आदि गेम उल्टा कर देते हैं। मैं मौके पर जा कर देखता हूं। अब आगे से ऐसा नहीं किया जाएगा। हालांकि उपरोक्त मामले की शिकायत लोगों द्वारा मुख्य विकास अधिकारी हरदोई से की गई है।
सूत्र बताते हैं कि मामले की पोल खुलने से तिल मिलाए प्रधान प्रतिनिधि गणेश मिश्रा ने संबंधित टेक्निकल टीम से मिलकर कार्य कर रहे मजदूरों के आधार कार्ड व जरूरी कागजात एकत्रित किए हैं।