बालासोर (ओडिशा) मे भीषण रेल-दुर्घटना मे शताधिक हताहत!

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

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आज (२ जून) संध्या ७ बजकर ८ मिनट पर ओडिशा के बालासोर जनपद के ‘बाहानागा’ रेलस्टेशन के समीप कोरोमण्डल एक्सप्रेस और मालगाड़ी के भीषण टक्कर से १५-२० बोगियाँ पलट गयी हैं। उसके बाद उसके एक अन्य यात्री गाड़ी ‘यशवन्तपुर-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस’ गाड़ी से टकराने के बाद उसकी कई बोगियाँ पटरी से उतर चुकी हैं, जिसके नीचे बड़ी संख्या मे यात्री दबे हुए हैं। मृतकों और घायलों की कोई विश्वसनीय सूचना नहीं मिल पा रही है।

दुर्घटना का कारण बताया जा रहा है कि एक ट्रैक पर एक मालगाड़ी पहले से ही खड़ी थी और उसी ट्रैक पर कोलकाता से १०० कि० मी० प्रति घण्टा की गति मे सामने से कोरोमण्डल एक्सप्रेस गाड़ी आ रही थी, जिससे दोनो मे ऐसी भीषण दुर्घटना हुई थी कि बड़ी संख्या मे बोगियाँ मालगाड़ी के ऊपर उछलकर पलट गयी थीं; पटरी से उतर आयी थीं और एक अन्य गाड़ी ‘यशवन्तपुर- हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस’ से टकरा गयी थी। अब प्रश्न है, एक ही ट्रैक पर दो गाड़ियाँ कैसे आ गयी थीं?

फ़िलहाल, इस समय दुर्घटनास्थल पर बचाव की कोई व्यवस्था नहीं दिख रही है; क्योंकि वहाँ बहुत अन्धेरा है और बोगियों के नीचे दबे लोग जीवनरक्षा की याचना कर रहे हैं। परिदृश्य अति भयावह है :– किसी हाथ कट चुका है; किसी पैर अलग हो चुका है; किसी की गरदन उड़ चुकी है; सिर यहाँ-धड़ वहाँ। बीभत्स दृश्य है। बोगियों को काटकर यात्रियों को निकालने की युक्ति निकाली जा रही है। बड़े पैमाने पर बोगियों मे फँसे यात्रियों को बचाने के लिए जिस ‘गैस कटर’ की आवश्यकता है, उसे अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसप्रकार सभी घायल यात्री ‘राम भरोसे’ दिख रहे हैं।

दुर्घटना की विभीषिका को समझते हुए, मृतकों की संख्या २०० से अधिक तक पहुँच सकती है; क्योंकि ५००-१००० यात्री घायल हैं। आस-पास सभी प्रकार की सुविधाओंवाले अस्पताल न होने के कारण घायलों का उपचार करा पाना, बहुत सम्भव नहीं है; साथ ही व्यवस्थादोष मुख्य कारक है। दुर्घटना के घण्टों-बाद भी घायल यात्रियों का उपचार की कोई व्यवस्था नहीं थी। १० बजे रात्रि के लगभग यात्रियों की बचाव के लिए दल पहुँचा।

(सर्वाधिकार सुरक्षित― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २ जून, २०२३ ईसवी।)