
राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’
सद्कर्म की राह बड़ी ही कठिन है । मानवता के मार्ग में अनेक कंटीली झाड़ियाँ हैं । सत्य-मार्ग पर जब आप चलेंगे तो कंटक रूपी बाधाओं से दो चार होना ही पड़ेगा । इनसे उलझे बिना आप अपनी व समाज की उलझनें सुलझाने के बारे में मत सोचिये । इनसे उलझिए और इन्हें छिन्न-भिन्न करिए । यदि आप का लक्ष्य परस्वार्थ है निश्चित ही आप उसमें सफल होंगे ।