अभिनव द्विवेदी-
सूबे की योगी सरकार ने ज़िलों को एक सरकुलर भेज प्रशासन और पुलिस के आला अफसरों को सांसदों/विधायकों संग महीने में एक बैठक करने को कहा है। उस दिशा में आज पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा ने समन्वय बैठक बुलाई थी। लेकिन, उनके द्वारा बैठक की सूचना स्थानीय अभिसूचना इकाई के प्रभारी निरीक्षक शिरीष शर्मा से करवाया जाना बवाल-ए-जान हो गया। गोपामऊ विधायक श्याम प्रकाश को यह अखर गया और उन्होंने बैठक से खुद तो दूरी बनाई ही, बाकी विधायकों और सांसद के कदम भी एसपी दफ़्तर की तरफ़ बढ़ने से रोक लिए। इस दिशा में किसने क्या कहा, देखें।
भाजपा जिलाध्यक्ष श्री कृष्ण शास्त्री ने कहा कि बैठक का बहिष्कार जैसा कुछ नहीं है। हां, कप्तान को जन प्रतिनिधियों को उनके प्रोटोकॉल की दृष्टि से कम से कम डिप्टी एसपी स्तर के अफ़सर से बैठक की सूचना दिलवानी चाहिए थी। हालांकि, एसपी ने चूक मानी है और आईन्दा पुनरावृत्ति नहीं होने का भरोसा दिलाया है। कहा कि प्रशासन और कानून व्यवस्था के बेहतर परिणाम की दृष्टि से सरकार ने समन्वय बैठक का निर्देश दिया और विश्वास है कि भविष्य में सब अच्छा होगा।
सदर सांसद अंशुल वर्मा ने कहा कि विधायकों की आपत्ति वाजिब है और उनके सम्मान में ही वह बैठक में नहीं गए। कहा कि प्रोटोकॉल और कम्युनिकेशन के स्तर पर समस्या है, इस ओर अफसरों को ध्यान देना चाहिए। सांसद ने कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस के अफ़सर संवेदनशील नहीं दिखते और जनता जन प्रतिनिधियों से जवाबदेही चाहती है। लिहाजा, हमें मजबूरन रुख़ कड़ा करना पड़ रहा है। सवाल बहुत हैं और आईन्दा होने वाली बैठक में जवाब मांगा जाएगा।
गोपामऊ विधायक श्याम प्रकाश ने कहा कि पुलिस प्रशासन का रवैया वही है, जो पूर्ववर्ती सरकार में था। मनमर्जी से थानों में उनकी तैनाती की जा रही है, जो पहले से जमे थे। यही वजह है कि कानून व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। आपराधिक घटनाओं पर जनता हमसे जवाब चाहती है और पुलिस अफ़सर समन्वय व संवाद नहीं करते। इसी के चलते आज वाले हालात बने। एसपी को समझना होगा कि जन प्रतिनिधियों को सूचना किस स्तर से भिजवानी चाहिए।
सवायजपुर विधायक माधवेन्द्र प्रताप सिंह ‘रानू’ ने कहा कि चाहे विकास कार्यक्रम हो या कानून व्यवस्था, इन मुद्दों पर जनता अपना विश्वास मत के रूप में हमें सौंपती है। लेकिन, इन्हें लेकर अफ़सर हमसे ही समन्वय और संवाद नहीं करें तो अनुचित है, आख़िर जनता के प्रति प्राथमिक जवाबदेही उनकी है। विधायक ने कहा कि आज एक सन्देश दिया गया है और उम्मीद करते हैं कि आगे उचित-अनुचित का भेद अफ़सर समझेंगे।
-अंतर्ध्वनि एन इनर वॉइस ब्यूरो