
नई दिल्ली। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। मंगलवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष अरुण हलदर के नेतृत्व में आयोग के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और 2020-21 और 2021-22 के लिए आयोग की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
संभावना है कि रिपोर्ट संसद के अगले सत्र में पेश की जायेगी। आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष अरुण हलदर ने आयोग की सदस्य डॉ. अंजू बाला और सुभाष रामनाथ पारधी के साथ राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपी तथा विभिन्न सामाजिक एवं आयोग से संबंधित विषयों पर राष्ट्रपति से विस्तृत चर्चा भी की। बता दें कि अपने संवैधानिक दायित्वों तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग वार्षिक रिपोर्ट और अन्य रिपोर्ट को तैयार करता है और भारत के राष्ट्रपति को सौंपता है। आयोग की वार्षिक रिपोर्ट में अनुसूचित जातियों के अधिकारों, सुरक्षा उपायों और कल्याण की विषय वस्तु और सुरक्षा से संबंधित विशिष्ट सिफारिशें शामिल रहती हैं। संविधान के अनुसार, “आयोग का यह कर्तव्य है कि वह राष्ट्रपति को वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करे।”