अभी तक हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग’ हिन्दीभाषा-उत्थान के लिए देश के साहित्यकारों, समीक्षकों आदिक के सहयोग से विविध आयोजन करता रहा; परन्तु अब उसने अलग से विज्ञान-प्रौद्योगिकी के समस्त क्षेत्रों मे हिन्दीभाषा को प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमो की योजनाएँ बनायी हैं, जिनमे उसका प्रमुख सहयोगी संस्थान प्रयागराज का एम० एन० एन० आइ० टी० है।
ज्ञातव्य है कि विगत दिवस ‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ और ‘एम० एन० एन० आइ० टी०’ के मध्य एक अनुबन्ध किया गया था, जिसमे सम्मेलन की ओर से प्रधानमन्त्री कुन्तक मिश्र और भाषाविज्ञानी आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय तथा एम० एन० एन० आइ० टी० की ओर से सहायक निदेशक (राजभाषा) प्रमोद द्विवेदी ने प्रतिनिधित्त्व किया था।
इसी संदर्भ मे ४ मई को हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभाकक्ष मे आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की अध्यक्षता मे एक पत्रकार-वार्त्ता आयोजित की गयी थी।
मुख्य अतिथि के रूप मे एम० एन० एन० आइ० टी० के सहायक निदेशक (राजभाषा) प्रमोद द्विवेदी ने कहा– हिन्दी साहित्य सम्मेलन के इस अनुबन्धित प्रस्ताव को हमारे संस्थान ने विज्ञान-प्रौद्योगिकी को हिन्दीभाषा के साथ जोड़ने मे सहर्ष रुचि दिखायी है। जब हम अपने संस्थान मे हिन्दी-भाषा की बात करते हैं तब लगता है कि वहाँ कुछ हिन्दी मे सम्भव नहीं है; लेकिन मुझे लगता है कि यहाँ भी हिन्दी मे काम सम्भव है। हमे अपने अध्यापकों और शोधार्थियों को ‘विज्ञान-प्रौद्योगिकी-विषयक’ अध्ययन को हिन्दी-माध्यम मे कराने को बढ़ावा देना चाहिए।
सम्मेलन के प्रधानमन्त्री कुन्तक मिश्र ने बताया– आज भी विज्ञान-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र मे अध्ययन-अध्यापन की दृष्टि से हिन्दी-माध्यम मे पुस्तकों का अभाव है, जिसकी हम संयुक्त रूप से पूर्ति करेंगे। हम ऐसी पुस्तकों का प्रकाशन सम्मेलन की ओर से करेंगे, जिससे कि उनकी उपयोगिता और महत्ता अध्ययन-अध्यापन की दृष्टि से सिद्ध हो। हमने ‘विज्ञान-प्रौद्योगिकी’ को हिन्दी-माध्यम मे बहुविध पोषण करने के लिए एक ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-प्रकोष्ठ’ गठन करने का निर्णय किया है।
अध्यक्षता करते हुए भाषाविज्ञानी एवं समीक्षक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने बताया– वास्तव मे, जिस दृष्टिबोध के साथ विज्ञान-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र मे हिन्दी-माध्यम मे शैक्षणिक पुस्तकों का लेखन और प्रकाशन होना चाहिए, वह नहीं हुआ है। सम्मेलन और एम० एन० एन० आइ० टी० के पारस्परिक सहयोग से हम इस दिशा मे अतिशीघ्र प्रयत्नशील हो जायेंगे। हमने विज्ञान-प्रौद्योगिकी का विस्तार करने के उद्देश्य से हिन्दी-माध्यम मे एक मासिक पत्रिका, वार्षिक अनुसंधानात्मक पत्रिका प्रकाशित करने का निर्णय किया है। हम प्रत्येक तीन माह मे एक संयुक्त बैठक करेंगे। हम हिन्दी-भाषा मे उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए प्रतिभाओं को पुरस्कृत करेंगे; सम्मानित करेंगे। वर्ष मे विज्ञान-प्रौद्योगिकी विषयों पर राष्ट्रीय अधिवेशन करेंगे।
सम्मेलन के पूर्व-कार्यालय-अधीक्षक शेषमणि पाण्डेय ने बताया कि सम्मेलन के इस वर्ष का वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन कोरापुट (ओडिशा) मे आगामी २३, २४, २५ जून को होगा।
इस अवसर पर प्रयागराज के प्रमुख समाचारपत्रों के संवाददाता उपस्थित थे, जिन्होंने उपस्थित प्रतिनिधियों से प्रश्न-प्रतिप्रश्न किये थे।