ख़बर- पी०डी०गुप्ता
कछौना(हरदोई): प्रदेश सरकार आजकल विद्युत आपूर्ति को लेकर बड़े-बड़े दावे प्रस्तुत कर रही है कि शहर में 20 से 24 घण्टे आपूर्ति व कस्बों से लेकर गांवों को 18 घण्टे आपूर्ति मिल रही है। लेकिन हकीकत तो कुछ और ही है, पिछले लगभग एक महीने से शहर से लेकर कस्बों व गांवों में आपातकालीन कटौती के नाम पर दिन व रात में कभी 2 घण्टे तो कभी 3 घण्टे की कटौती कई बार की जा रही है, कटौती का ये दौर शाम से शुरू होकर पूरी रात तक चलता है जिसमें रात में तो 2 से 3 घण्टे की कटौती कई बार की जाती है।
पर इसके परे आपको बताते चलें कि कछौना विद्युत उपकेन्द्र के अभिलेखानुसार पिछले 10 दिनों का रिकॉर्ड देखा जाए तो यहां नगरवासियों समेत पूरे ग्रामीण क्षेत्र को प्रतिदिन 15 से 17 घण्टे की आपूर्ति दी जा रही है जिसे रजिस्टर पर अंकित भी किया जा रहा है,
जरा नजर डालें पिछले एक सप्ताह का रिकॉर्ड जो कछौना विद्युत उपकेंद्र के रजिस्टर में दर्ज है—-
10 अगस्त 2017–
16 घण्टे 20 मिनट (इनकमिंग)
15 घण्टे (आउटगोइंग)
11 अगस्त 2017–
18 घण्टे 20 मिनट (इनकमिंग)
17 घण्टे 50 मिनट (आउटगोइंग)
12 अगस्त 2017–
19 घण्टे 10 मिनट (इनकमिंग)
18 घण्टे 35 मिनट (आउटगोइंग)
13 अगस्त 2017–
16 घण्टे 30 मिनट (इनकमिंग)
16 घण्टे 10 मिनट (आउटगोइंग)
14 अगस्त 2017–
7 घण्टे 55 मिनट (इनकमिंग)
7 घण्टे 40 मिनट (आउटगोइंग)
15 अगस्त 2017–
17 घण्टे 40 मिनट (इनकमिंग)
17 घण्टे 20 मिनट (आउटगोइंग)
16 अगस्त 2017–
15 घण्टे 50 मिनट (इनकमिंग)
15 घण्टे 30 मिनट (आउटगोइंग)
जिसमें इनकमिंग का अर्थ है कि जितनी विद्युत आपूर्ति कछौना उपकेंद्र को मिली है और आउटगोइंग का अर्थ है जितनी आपूर्ति कछौना उपकेंद्र से नगरवासियों व ग्रामवासियों को दी गई है।
अब सवाल ये उठता है कि जब यहां शाम से लेकर रात तक कई बार घण्टों-घण्टों की आपातकालीन कटौती हो रही है तो उसे विभागीय अभिलेखों में क्यों दर्ज नही किया जा रहा है? इन आँकड़ों के अनुसार विद्युत विभाग पर एक सवालिया प्रश्न-चिन्ह लगता नजर आ रहा है।