डीआईओएस ऑफिस हरदोई के रहमोकरम पर फर्जी मान्यता पर चल रहा हाई स्कूल और इंटर कॉलेज

-संयुक्त शिक्षा निदेशक के आदेश के बाद भी सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय इलाहाबाद द्वारा नहीं की गई कार्यवाही।
-डीआईओएस की मेहरबानी से संचालित हो रहे हैं फर्जी स्कूल। 
-फर्जी भूमि दिखाकर कराई थी हाईस्कूल व इंटर कॉलेज की मान्यता 
-संयुक्त शिक्षा निदेशक ने दिए थे मान्यता  आहरित करने के निर्देश
-निर्देशों के बावजूद अभी तक नहीं की गई है मान्यता आहरित ।
-संयुक्त शिक्षा निदेशक के आदेशों को ठेंगा दिखा रहा है डीआईओएस हरदोई ।
-एसडीएम ने जांच में पाया था फर्जी लगाई गई है जमीन ।

हरदोई में जिला विद्यालय निरीक्षक  के रहमों करम पर फर्जी तरीके से एक इंटर कॉलेज में हाईस्कूल स्कूल का संचालन किया जा रहा है।यह स्कूल फर्जी भूमि पर संचालित हो रहा है और एसड़ीएम की जांच आख्या के बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक ने मान्यता आहरित करने के आदेश डीआईओएस को दिए थे लेकिन डीआईओएस ने अधिकारियों के आदेशों को ठेंगा दिखा दिया और स्कूल का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है।
मामला हरदोई के बिलग्राम इलाके का है।यहां पर होरी लाल इंटर कॉलेज व श्री विवेकानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का संचालन फर्जी तरीके से हो रहा है।इस मामले की एक शिकायत मुख्यमंत्री को बिलग्राम के मोहल्ला कासूपेट निवासी शिवानी कुशवाहा अध्यक्ष राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन हरदोई ने करते हुए कहा था की उसके पिता रामनरेश कुशवाहा द्वारा स्वामी विवेकानंद शिक्षा समिति अख्तियारपुर बिलग्राम के नाम से एक सोसाइटी का गठन किया गया था।कुछ समय बाद उसके पिता बीमार रहने लगे और हृदय रोग की समस्या से ग्रसित हो गए उसके। पिता की बीमारी के कारण सोसाइटी का समस्त कार्य उसके चाचा प्रमोद कुमार कुशवाहा देखने लगे और पिता के फर्जी हस्ताक्षरों से श्री होरी लाल इंटर कॉलेज बिलग्राम व स्वामी विवेकानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिलग्राम की मान्यता माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद से प्राप्त कर ली।उसके पिता को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी पिता को जब जानकारी हुई तो विद्यालयों की मान्यता पत्रावली की छाया प्रति सूचना अधिनियम के अंतर्गत मांगी गई।
जब मिली पत्रावलियों का मिलान किया गया और तहसील से नए इंतखाब निकलवाकर देखा गया जिसमें पता चला कि दोनों विद्यालयों के इंतखाब फर्जी थे।प्रमोद कुशवाहा शिक्षा क्षेत्र का माफिया है राजनीतिक दबाव के कारण उसने मान्यता प्राप्त कर ली। इस पूरे मामले की जांच हुई जांच एसडीएम बिलग्राम के माध्यम से कराई गई। 8 जनवरी 2017 को एसडीएम बिलग्राम ने रिपोर्ट लगाई जिसमें दिखाया गया है जो भूमि स्कूल के नाम से दर्ज है वह कहीं दर्ज नहीं है और सीधे विभाग को गुमराह कर हाईस्कूल व इंटर कॉलेज की मान्यता ली गई।
एसडीएम ने अपनी जाँच आख्या विभाग को भेज दी।इस मामले की शिकायत पर संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेंद्र कुमार तिवारी ने 10 फरवरी को विवेकानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को दी गई मान्यता प्रत्याहरित करने की संस्तुति कर दी। इसी प्रकार संयुक्त शिक्षा निदेशक ने होरी लाल इंटर कॉलेज में मान्यता लेने के समय विभिन्न वर्गों में दर्शाए गए कक्षा-कक्षों प्रयोगशालाओं की मांग के अनुसार पर्याप्त संख्या नहीं मिली और यह भूमि भी फर्जी पाई गई जिसके बाद श्री होरीलाल इंटर कॉलेज बिलग्राम की मान्यता प्रत्यहारित करने के आदेश जिला विद्यालय निरीक्षक को दे दिए।लेकिन डीआईओएस ने अभी तक इस पूरे मामले में मान्यता प्रत्याहरण नहीं की है।अब इस मामले में शिवानी कुशवाहा ने मुख्यमंत्री लोकायुक्त राष्ट्रीय मानवाधिकार अवर सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय इलाहाबाद को एक शिकायती पत्र भेजा है।भेजे गए पत्र मे कहा है अभी तक शिक्षा माफिया के द्वारा अपने राजनीतिक दबाव के चलते मान्यता प्रत्याहरित नही कराई जा सकी है।बहरहाल डीआईओएस कार्यालय के भ्रष्टाचार ने शिक्षा माफियाओं को खुली छूट दे रखी है जिसके चलते अधिकारियों के आदेश निर्देश भी ठेंगे पर हैं।