रिपोर्ट- पी०डी०गुप्ता-
कछौना हरदोई:- सरकार बदल गई परन्तु कर्मचारियों की कार्यशैली में कोई बदलाव नही आया है। जहां भारत सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है और कह रही है कि “भ्रष्टाचार खत्म करेंगे, करके रहेंगें” वहीं सरकार के नुमाइंदे (कर्मचारी) बिना घूस लिये कोई भी कार्य नहीं कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बैंक ऑफ इण्डिया शाखा कछौना का प्रकाश में आया है। पीड़ित विजय सिंह निवासी समसपुर ने रोजगार के लिए खादी ग्रामोद्योग योजना के अंतर्गत आवेदन किया था परंतु बैंक के दर्जनों बार चक्कर काटने के बाद लोन कर्मचारी ने फ़ाइल स्वीकृत कराने के नाम पर आवेदनकर्ता से घूस तय की। बेरोजगारी से आजिज पीड़ित समझौता करने को तैयार हो गया। पीड़ित के अनुसार बैंक कर्मचारी मनोज ने उससे धीरे -धीरे सत्तर हजार रुपये की घूस ले ली, तब जाकर कहीं फ़ाइल स्वीकृत हुई। अब पीड़ित से रुपये 45000 की और घूस की मांग की जा रही है, इस पर पीड़ित ने और घूस देने से मना कर दिया, तब आरोपी ने उसकी सब्सिडी रोक दी। कई बार पीड़ित ने बैंक कर्मी से सब्सिडी के लिए गुहार लगाई परंतु वह बिना सुविधा शुल्क के तैयार नही हुआ। पीड़ित ने पूरे मामले से शाखा प्रबंधक को अवगत कराया। जब उनकी तरफ से न्याय नही मिला तब पीड़ित ने पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी हरदोई, अग्रणी जिला प्रबंधक हरदोई, प्रबन्ध निदेशक प्रधान कार्यालय मुम्बई, आंचलिक प्रबंधक कानपुर व बैंकिंग लोकपाल से लिखित रूप से की है। कछौना कस्बे में आर्यावर्त ग्रामीण बैंक को छोड़कर सभी बैंकों में बिना दलाल के कोई भी कार्य सम्भव नही है। दलालों का मजबूत नेटवर्क है जो बैंक कर्मियों से सांठ-गांठ करके भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। भारी भरकम कमीशन लेकर ऋण योजनाओं को स्वीकृत कराते हैं। बैंकों की इस तरह की कार्यशैली को लेकर आमजनमानस में काफी आक्रोश है।