विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो जाने के बावजूद ग्रामीण विद्युत आपूर्ति से वंचित है बर्राघूमन

*कछौना(हरदोई):* केंद्र व राज्य सरकार पावर फॉर ऑल के उद्देश्य से युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। गांव-गांव, घर-घर बिजली पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य कर रही हैं। वहीं विभागीय अधिकारियों की घोर लापरवाही के चलते विकासखंड कछौना की ग्राम सभा बर्राघूमन के ग्राम गम्भीरपुर में 18 वर्ष पूर्व विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो जाने के बावजूद ग्रामीण विद्युत आपूर्ति से वंचित हैं। सैकड़ों बार ग्रामीण विभाग के चक्कर काट रहे हैं। परंतु ग्रामीणों को विद्युत आपूर्ति नहीं मिल सकी। जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। सरकार की मंशा पर विभागीय अधिकारी पलीता लगा रहे हैं। पूरे मामले की शिकायत ग्रामीणों ने ऊर्जा मंत्री से की।

बताते चलें कि विकासखंड कछौना की ग्राम सभा बर्राघूमन के ग्राम गम्भीरपुर में अम्बेडकर योजना के तहत विद्युतीकरण का कार्य 18 वर्ष पूर्व में ही पूर्ण हो गया था। पोल (खम्भे), तार, ट्रान्सफार्मर का कार्य पूर्ण हो गया था। ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। पूरा गांव दलित बाहुल्य है। जिसके कारण अम्बेडकर योजना के तहत चयनित कर के विद्युतीकरण का कार्य कराया गया था। लेकिन यह खुशी एक माह बाद काफूर हो गई। गांव का ट्रांसफार्मर खराब हो गया। ग्रामीण विभागीय कर्मचारियों को ट्रांसफार्मर बदलने का सुविधा शुल्क नहीं दे सके। जिसके कारण ट्रान्सफार्मर गांव वापस नहीं आया। पुरानी सरकारी गई, नई सरकार आई, लेकिन दलित गांव का ट्रांसफार्मर नहीं बदला जा सका। ग्रामीणों ने पावर हाउस से लेकर जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, परन्तु ग्रामीणों को हर तरफ निराशा ही हाथ लगी। आखिर इस गांव का ट्रान्सफार्मर कहां गया। वर्तमान कर्मचारी कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं।

ग्रामीणों के अनुसार विद्युत उपकेंद्र बघौली पावर हाउस का कर्मचारी राजू ट्रान्सफार्मर उतरवा ले गया था लेकिन ग्रामीणों द्वारा उक्त कर्मचारी को 2000 रुपये का सुविधा शुल्क न दे पाने के कारण गांव में ट्रान्सफार्मर दोबारा वापस नहीं आया।

ग्रामीण अजय प्रताप, पंकज वर्मा, अर्जुन लाल, गजेन्द्र, प्रवीण, राधेश्याम ने जय हिंद जय भारत मंच के माध्यम से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया है। ग्रामीण 18 वर्ष से बाट जोह रहे हैं। जिसके चलते गांव का सर्वांगीण विकास नहीं हो पा रहा है नौनिहाल बच्चे दिए की रोशनी में पढ़ाई करने को विवश हैं वहीं घरों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शोपीस बने हैं। मोबाइल चार्ज करने के लिए दूसरे गांव में जाना पड़ता है। बुजुर्ग रामलाल ने नम आंखों से बोले भैया क्या हम अपनी जिंदगी में बल्ब की रोशनी देख पाएंगे। गांव में विद्युत आपूर्ति न होने के कारण लोग इस गांव में बेटियों की शादी करने से कतराते हैं। इस समस्या के विषय में अधिशासी अधिकारी ने बताया कि उक्त गांव को सौभाग्य योजना के अंतर्गत सम्मिलित कर शीघ्र विद्युतीकरण का कार्य कराया जाएगा। लेकिन अभी तक ट्रांसफार्मर न बदले जाने की बात पर कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। इस घोर अनदेखी के विषय में क्षेत्रीय विधायक रामपाल वर्मा ने बताया यह मामला गंभीर है। पूरे प्रकरण को शासन स्तर पर भेजेंगे व दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाएगी। सिस्टम का खामियाजा ग्रामीणों को 18 वर्षों से उठाना पड़ रहा है। विद्युतीकरण के बावजूद ग्रामीण अंधेरे में जीने को विवश हैं।


रिपोर्ट- पी०डी गुप्ता