प्राथमिक विद्यालय में डेढ़ माह से नहीं बन रहा मिड-डे मिल, कई बच्चों ने विद्यालय जाना छोड़ा

दीपक कुमार श्रीवास्तव-

कछौना (हरदोई)। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के बेहतर पोषण के लिए मिड-डे मिल बनाया जाता है। इसके लिए शासन से करोड़ों रुपए की ग्रांट आती है और उस ग्रांट को विभागीय अधिकारियों द्वारा स्कूलों के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है, जिससे पूरे महीने बच्चों को चार्ट के आधार पर मध्यान्ह भोजन खिलाया जाता है। ताजा मामला विकासखंड कछौना के प्राथमिक विद्यालय धंधार (कामीपुर) से प्रकाश में आया है जहाँ विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की घोर लापरवाही के चलते नौनिहालों को पिछले डेढ़ माह से मिड-डे मील नहीं मिल पा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त इंचार्ज अध्यापिका के मातृत्व अवकाश पर जाने के कारण मिड-डे मील बनवाने के लिए प्राथमिक विद्यालय ज्ञानपुर के अध्यापक नीरज कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करना मुनासिब नहीं समझा। विद्यालय में कुल 60 बच्चे पंजीकृत हैं। वर्तमान समय में विद्यालय शिक्षामित्रों के सहारे संचालित किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मध्याह्न भोजन न मिलने से बच्चों का स्कूल आने से मोहभंग हो रहा है और कई बच्चों ने नियमित रूप से विद्यालय आना बंद कर रखा है।

अभिभावक विनोद कुमार पांडे व विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों के द्वारा पूरे मामले से खंड शिक्षा अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, उपजिलाधिकारी संडीला एवं जिलाधिकारी को अवगत कराने के बावजूद भी जिम्मेदारों ने मिड-डे मील उपलब्ध कराना मुनासिब नहीं समझा है। इस समस्या के विषय में खंड शिक्षाधिकारी मनोज कुमार बोस ने बताया कि जिस अध्यापक को मिड-डे मील के लिए अधिकृत किया गया था, उनके द्वारा मिड-डे मील की व्यवस्था न किए जाने के कारण उनके खिलाफ जिला प्रशासन को विभागीय कार्रवाई करते हुए निलंबन करने की संस्तुति की गई है।