आम रास्ते की इंटरलाकिंग उखाड़ कर कब्जा करने वाले दबंग की उंगलियों पर थिरकता नगर प्रशासन

न्यायालय के स्थगनादेश के बावुजूद आम रास्ते पर हुए अवैध कब्जे को हटाने हेतु नोटिस देने मे ई.ओ. को छूट रहे पसीने

अझुवा/कौशांबी–

कथितरूप से डिप्टी सी.एम. के रिश्तेदार होने की हनक के बूते आम रास्ते पर किया कब्जा।

नगर पंचायत अझुवा कौशांबी के वार्ड नं 8 अमिरतापुर मे एक दबंग ने खुद को प्रदेश के डिप्टी सी.एम. का कथित रिश्तेदार होने की धौंस दिखाते हुए अधिकारियों को गुमराह कर आबादी की जमीन को अपने पूर्वजों के नाम दर्ज करा लिया; फिर आबादी की भूमि पर पहले से सरकारी धन से बनी इंटरलाकिंग सड़क को उखाड़़कर जबरन उस पर बाउंड्रीवाल खड़ी करके बगल मे बने अपने मकान मे मिलाते हुए अपने पड़ोसियों का दरवाजा बंद कर दिया। इससे ग्रामीणों के आने-जाने का रास्ता भी बंद हो गया है।

मामले मे पड़ोसी नगर पंचायत से लेकर जिले भर के अधिकारियों से अवैध कब्जे को रुकवाने के लिए मामला न्यायालय मे विचाराधीन होने का हवाला देते हुए दौड़ लगाते रहे, लेकिन कथित रूप से मामला डिप्टी सी.एम. के रिश्तेदार से जुड़ा होने के कारण किसी अधिकारी की हिम्मत नही हुई कि आम रास्ते पर हो रहे अवैध कब्जे को रुकवा सके। थक-हार कर ग्रामीण; चुनाव के समय डिप्टी सी.एम. से भी मिले और दबंग की इस करतूत से उन्हे अवगत कराते हुए न्याय की फरियाद की, लेकिन डिप्टी सी.एम. ने उनकी जायज मांग को नकारते हुए यह कहा कि जाओ तुम लोग मुझे वोट नही देना बस! और अपनी चौखट से भगा दिया। न्यायालय को मामले से अवगत कराया गया, जिस पर न्यायालय ने आदेश देकर दबंग के पक्ष मे उक्त जमीन के संबंध मे पूर्व के सभी आदेशों को स्थगित कर दिया। बावुजूद इसके आम रास्ते पर हुए इस अवैध कब्जे के मामले मे अझुवा के अधिशासी अधिकारी दबंग को नोटिस देने मे हीलाहवाली कर रहे हैं और ग्रामीणों को दौड़ा रहे हैं।

यह मामला सीधे न्यायालय की अवमानना का बनता है, क्योंकि ई०ओ० का व्यवहार न्यायालय के आदेश को भी ठेंगा दिखाने जैसा है।

मामले मे प्रदेश मे सत्ता की हनक दिखाने वाले दबंगों की प्रशासन पर जो हनक चल रही है वह घोर शर्मनाक होते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था एवं न्यायिक व्यवस्था का सीधा अपमान है। यह प्रदेश की ईमानदार भाजपा सरकार की व्यवस्था पर भी एक बदनुमा दाग है, जो कुछ नेताओं की पक्षपातपूर्ण नीयत को भी स्पष्ट करती है।

खैर! देखना दिलचस्प होगा कि न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए आम रास्ते से दबंग का कब्जा हटाया जाता है या फिर बाबा जी का बुल्डोजर भी ऐसे मामलों मे अपने-पराए का भेदभाव करता है।