एक वर्ष का समय गुजर जाने के बाद भी अधर मे लटका वृहद् गोशाला-सञ्चालन

दो माह पूर्व डीएम के निर्देश पर पांच सदस्यीय टीम ने की थीं जांच, जिम्मेदारों की शिथिलता के चलते नहीं चालू कराया गया वृहद गौशाला

कछौना, हरदोई। सरकार ने गौवंशों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए वृहद गौसंरक्षण केंद्र, कान्हा गौशाला, अस्थाई गौ-आश्रय स्थल, नगर निकायों व ग्राम सभाओं में बनाए जा रहे हैं। जिससे किसानों को छुट्टा गौवंशों से निजात मिल सके।

इसी क्रम में बालामऊ विधानसभा की ग्राम सभा बालामऊ में किसानों की मांग पर वृहद गौ-संरक्षण केंद्र एक वर्ष पूर्व स्वीकृत हुआ है। जिसके लिए शासन स्तर से एक करोड़ 20 लाख की धनराशि स्वीकृत हुयी थी। अक्टूबर 2021 से कार्य निर्माण शुरू हो गया था। कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग को दी गई। इस वृहद गौसंरक्षण केंद्र में पशुओं की क्षमता 200 है। पूरी व्यवस्थाओं से लैस गौसंरक्षण केंद्र बनाए जाने का प्रावधान है। लेकिन एक वर्ष का समय गुजरने के बाद अभी विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण होने जाने के बाद भी बेरिकेडिंग का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते गौसंरक्षण केंद्र का संचालन नहीं हो पा रहा है। जिससे किसानों की समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है। पूर्व में ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत जिला अधिकारी से की थी। जिला अधिकारी के निर्देश पर 5 सदस्य टीम गठित की गई थी। जिन्हें जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करनी थी। लगभग दो माह पूर्व उप जिलाधिकारी संडीला, जिला पशु चिकित्सा अधिकारी, लोक निर्माण विभाग सहायक अभियंता, जल निगम सहायक अभियंता, विद्युत अभियंता की टीम ने निरीक्षण किया। वृहद गौसंरक्षण केंद्र के संचालन में विलंब के कारणों की रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी। जांच के बाद में कई कार्य पूर्ण करा दिये गए हैं, परंतु अभी भी वेरीकेटिंग का कार्य नहीं कराया गया है। जिसके कारण गौशाला संचालन नहीं हो पा रहा है।

उक्त मामले को लेकर खण्ड विकास अधिकारी ने बताया हमारे पास अधूरे पड़े निर्माण कार्य कराने के लिए शासन से धनराशि का बजट नहीं दिया गया है जिसके कारण वेरीकेटिंग का कार्य अधूरा पड़ा है। वही इस मामले को लेकर उपजिला अधिकारी संडीला से संपर्क करना चाहा तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।

रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता