गाजू का स्वास्थ्य उपकेंद्र ही अस्वस्थ

कछौना (हरदोई) : ग्रामीण क्षेत्र को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए ग्राम सभाओं में स्वास्थ्य उप केंद्र स्थापित किए गए। इन केंद्रों को उच्चीकृत कर हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। जिससे आम जनमानस को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो सके। इन पर विभिन्न प्रकार की जांच व गर्भावस्था, शिशु जन्म देखभाल, नवजात व शिशु देखभाल, संचारी रोगों का प्रबंधन, परिवार नियोजन टीकाकरण, स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूकता आदि सुविधाओं का प्रविधान है। विभागीय लापरवाही के चलते शोपीस बने हैं। स्वास्थ्य कर्मी नियमित रूप से आते नहीं हैं। एएनएम महीनों में कभी-कभार आती हैं। इन केंद्रों पर अव्यवस्थाओं का अंबार है। कूड़े के ढेर लगे हैं। पेयजल हेतु इंडिया मार्का नल खराब पड़े हैं। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य उपकेंद्र की भूमि पर कब्जा कर कण्डे पाथ रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण समिति कागजों पर चल रही है। जिसमें ग्राम प्रधान व एएनएम का संयुक्त खाता होता है। जिसमें प्रतिवर्ष 10000 रुपये की धनराशि आती है। जिससे ग्रामों में बीमारियों से बचाव के लिए धनराशि व्यय होती है। परंतु यह धनराशि बंदरबांट हो जाती है। वर्तमान समय में आम जनमानस कोविड-19 महामारी, मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड से प्रभावित हो रहा है। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल होने के कारण लोगों का ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर सहारा बने हैं। अगर ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर प्राथमिक उपचार न करें तो शायद आधी आबादी इलाज से वंचित हो जाएगी। हमारे देश में सब कुछ राम भरोसे हैं। जनप्रतिनिधियों की स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण प्राथमिकता में नहीं है। सीएमओ ने बताया सभी एएनएम केंद्रों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाएं दुरुस्त कराएंगे।

रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता