उत्तरप्रदेश में अब निजी विद्यालयों की मनमानी नहीं चलेगी

    1. डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
    (प्रख्यात भाषाविद्-समीक्षक)

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय


उत्तरप्रदेश-शासन की ओर से निजी शिक्षालयों की निरंकुश प्रवृत्ति पर नियन्त्रण करने के लिए कठोर नियम बनाने की घोषणा की गयी है, जो राज्य के उन विद्यालयों के लिए है, जिनके संचालक अभी तक अभिभावकगण के साथ अभद्र आचरण की सभ्यता का परिचय देते आ रहे थे; अपनी स्वेच्छाचारिता को प्रकट करते हुए, प्रतिवर्ष शुल्क में अनावश्यक वृद्धि करते थे; अनौचित्यपूर्ण विविध विषयों के अन्तर्गत अनावश्यक शुल्क लेते आ रहे थे; प्रतिवर्ष गणवेश-परिवर्त्तन कराकर अभिभावकगण से दोगुणा और तीनगुणा रुपये ऐंठते आ रहे थे। इतना ही नहीं, ‘कमीशन’ के आधार पर विद्यालय की ओर से ही पुस्तक, अभ्यासपुस्तिका, उत्तर- पुस्तिका, गणवेश आदिक का विक्रय करते आ रहे थे या फिर इसके लिए एक निर्धारित दूकान से लेना अनिवार्य कर दिया जाता था।
इस प्रकार का निर्णय पूर्णत: स्वागत-योग्य है। देश के सभी राज्यों को ऐसा ही निर्णय करना होगा।
(सर्वाधिकार सुरक्षित : डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, इलाहाबाद; ४ अप्रैल, २०१८ ई०)