भारत की दो बेटियोँ और एक बेटे ने पैरा-ओलिम्पिक निशानेबाज़ी मे स्वर्ण, रजत तथा काँस्यपदक जीते

भारत भले ही पिछले ओलिम्पिक-खेलोँ मे दो स्वर्णपदक (निशा दहिया और विनेश फोगाट– कुश्ती) पाते-पाते रह गया था; उसकी अभिलाषा– पदक- समारोह-आयोजन के समय राष्ट्रध्वज लहराने और राष्ट्रगान-धुन बजने की पूरी न हो सकी थी; परन्तु आज (३० अगस्त) उसकी तीनो इच्छा की पूर्ति हो गयी। पेरिस मे २८ अगस्त से ८ सितम्बर तक पेरिस (फ्रांस) मे आयोजित ग्रीष्मकालीन पैरा-ओलिम्पिक-खेल मे ‘एस एच-१’ श्रेणी से १० मीटर महिला एअर राइफ़ल शूटिंग मे पैरा-ओलिम्पिक-चैम्पियन भारत की २२ वर्षीया अवनि लेखरा ने कोरिया की निशानेबाज़ ली यूनरी के विरुद्ध २४९.७ अंक अर्जित करते हुए, अपने देश के लिए स्वर्णपदक जीता (जो कि ‘पैरा-ओलिम्पिक-कीर्त्तिमान’ है); पदक-समारोह-आयोजन मे भारत का राष्ट्रध्वज शीर्ष पर लहराता रहा और राष्ट्रगान-धुन बजायी जाती रही। इसके साथ ही २८ अगस्त से समारम्भ ओलिम्पिक-खेलोँ मे दो दिनो-बाद भारत को कोई पदक मिला; और वह भी भारत ने एक ही स्पर्द्धा मे दो-दो पदक जीतकर अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया है। इतना ही नहीँ, पुरुषवर्ग की इसी स्पर्द्धा मे भारत के मनीष नारवाल ने रजतपदक जीतकर अपने देश का मान बढ़ाया है।

उल्लेखनीय है कि टोक्यो मे अपने पहले पैरा- ओलिम्पिक (वर्ष २०२०) मे ही अवनि ने उक्त स्पर्द्धा मे स्वर्णपदक जीता था। पेरिस मे कोरिया की ली यूनरी अवनि से पीछे रहते हुए, रजतपदक और भारत की निशानेबाज़ मोना अग्रवाल ने काँस्यपदक जीता है।

ज्ञातव्य है कि प्रत्येक चार वर्षोँ के अन्तराल पर पैरा-ओलिम्पिक का आयोजन ओलिम्पिक की ही भाँति किया जाता है, जिसके अन्तर्गत उन खेलाड़ियोँ को अवसर दिया जाता है, जो किसी रूप मे शरीर से समर्थ नहीँ होते; उनमे शारीरिक भिन्नता होती है। उन्हेँ ‘विकलांग खेलाड़ी’ कहा जाता है, जो अपने प्रतिभा के बल पर अपनी समस्त शारीरिक अक्षमता को पीछे छोड़ते हुए, अपने को ‘सकलांग’ सिद्ध करते आ रहे हैँ।

मात्र १० वर्ष की अवस्था मे अवनि एक कार-दुर्घटना मे गम्भीर रूप से घायल हो गयी थीँ, जिसमे उनकी रीढ़ की हड्डी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी थी, परिणामत: उनका शरीर लक़्वाग्रस्त हो गया था; रूपसम्पन्ना अवनि लखेरा अपनी उस दैहिक दुर्बलता को सबल बनाते हुए, आज निशानेबाज़ी के जिस शिखर पर हैँ, वहाँ पहुँचना हर किसी के लिए सम्भव नहीँ है।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; ३० अगस्त, २०२४ ईसवी।)