कलम की सुगंध साहित्यिक संस्थान द्वारा मातृ दिवस पर आयोजित ऑनलाइन राष्ट्रीय कवि सम्मेलन सम्पन्न

राजेश पुरोहित :

झज्जर:- अर्णव कलश एसोसिएशन के तत्वावधान में कलम की सुगंध साहित्यिक संस्थान, झज्जर (हरियाणा) द्वारा रविवार को मातृ दिवस के शुभ अवसर पर ऑनलाइन राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

कीर्ति जायसवाल जी के कुशल संयोजन एवं संचालन में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ कवि भारत भूषण जी ने माँ सरस्वती के चित्र पर दीप जलाकर एवं उनके चित्र पर माल्यार्पण कर सरस्वती वंदना द्वारा किया। इस राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में मुख्य रूप से माँ को रेखांकित करते हुए कवि-कवयित्रियों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की।

इस कार्यक्रम में वरिष्ठ कवयित्री सुशीला जोशी जी ने पंक्तियां पढ़ी – छोड़ा था हमने घर उनकी तलाश में , कीर्ति जायसवाल जी ने पढ़ी- पेट भरा हूँ आधा हाय! पैसे की किल्लत है हाय! कहता मैं मजबूर हूँ, कहता मैं मजदूर हूँ; राजाराम स्वर्णकार ने पढ़ी- मेरे गीतों में ढलने को कई शब्द ललचाते हैं; ओम अग्रवाल (बबुआ) ने पढ़ी- अपना आँचल चीर के उसने मेरा वस्त्र बनाया था, अन्नपूर्णा बाजपेयी ने पढ़ी- समय के थपेड़ों ने जब भी सताया, माँ मैंने हमेशा तुम्हें अपने पास पाया। कवि डी. एम. गुप्ता प्रीत ने श्रृंगार रस की रचना पढ़ी; वहीं सविता वीणा बरई ने अपने शानदार दोहों से सभी को मंत्रमुग्ध कर लिया। इस दौरान संस्था के अध्यक्ष नवल पाल प्रभाकर दिनकर जी भी उपस्थित रहें।

काव्यपाठ करने वाले रचनाकारों में देश के ख्यातिनाम कवि डॉ.राजेश कुमार शर्मा पुरोहित जी, रूपेश कुमार, श्रीमती ममता वैरागी तिरला धार, निक्की शर्मा रश्मि, रामबाबू शर्मा, भारत भूषण वर्मा, रवि रश्मि अनुभूति, रानी इन्दु, प्रेरणा कर्ण, सविता बरई वीणा, प्रतिभा प्रसाद कुमकुम, गणनायक मिश्र, ऋचा मिश्रा रोली, डॉ. सुनील कुमार, अमित कुमार दवे, अनिता मंदिलवार सपना, अर्चना कोचर एवं आभा माथुर जी के नाम भी शामिल हैं।