धार्मिक नेता दलाई लामा की अरूणाचल प्रदेश यात्रा को लेकर भारत ने कहा है कि बेवजह कोई विवाद पैदा नहीं किया जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय का कहना है कि सरकार ने कई बार ये स्पष्ट किया है कि दलाई लामा का भारत के लोग बहुत आदर करते है और वह एक श्रद्धेय धार्मिक नेता हैं,। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि दलाई लामा की धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों तथा भारत के विभिन्न राज्यों में उनकी यात्राओं को कोई और रंग नहीं दिया जाना चाहिए।
गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने कहा है कि भारत कभी भी चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है और वह चीन से भी ऐसी ही अपेक्षा करता है। संवाददाताओं से बातचीत में श्री रिजीजू ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश के लोग चीन के नागरिकों के साथ एक अच्छे पड़ोसी जैसे संबंध चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ किसी प्रकार की समस्या नहीं चाहता है। श्री रिजीजू ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश कोई विवादित क्षेत्र नहीं है। मैकमोहन रेखा से संबंधित कुछ मुद्दे हैं जिन पर भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि दलाईलामा की यात्रा पूरी तरह धार्मिक है और इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।
मैं अरूणाचल प्रदेश का सांसद होने के नाते और अरूणाचल प्रदेश का रहने वाला होने के नाते मेरे गांव में कोई मेहमान आता है, उसका स्वागत करना मेरा जिम्मेदारी बनता है। इसलिए उसको कोई दूसरा रूप देने का कोई आवश्यकता नहीं है। लाखों अरूणाचल के लोग उत्सुकता के साथ दलाईलामा जी का स्वागत कर रहे हैं और उसको धर्म गुरू के रूप में हम देखते हैं और इस यात्रा को भी एक धार्मिक यात्रा के रूप में ही सबको देखना चाहिए। श्री रिजिजू ने कहा प्रत्येक समुदाय को धार्मिक भावनाओं की आजादी होनी चाहिए।