अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण द्वारा पेट्रो कार्ड व इमरजेंसी कालिंग नम्बर यूपी 112 का किया गया शुभारम्भ

पेपर लेस डिजिटल इंडिया की तरफ अग्रसर होते हुए पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश लखनऊ के आदेशानुसार आज दिनाङ्क 09.12.019 को पुलिस लाइन में अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डा0 श्री सुरेन्द्र प्रताप सिंह व अपर पुलिस अधीक्षक नगर श्री जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव द्वारा पुलिस लाइन में पेट्रो कार्ड तथा परिवर्तित इमरजेंसी कालिंग नम्बर यूपी 112 की गाड़ियों को हरी झण्डी दिखाकर शुभारम्भ किया गया। जनपद की यूपी-112 की गाड़ियों के पेट्रो कार्ड की व्यवस्था संचालित की गयी । इस कार्ड के तहत ड्राइवर निर्धारित मात्रा में डीजल व पेट्रोल प्राप्त कर सकेगा । डायल 112 पर कार्यरत पुलिस कर्मियों को पेट्रो कार्ड वितरित किये, जिसकी सीमा निर्धारित की गई । जिसमें क्षेत्राधिकारी लाइन श्री सर्वेन्द्र सिंह व प्रतिसार निरीक्षक पंकज कुमार व समस्त डायल112 के पुलिस कर्मी मौजूद रहे ।

बदायूँ में पेट्रो कार्ड की हुई लॉन्चिंग

अब पुलिस को बुलाने के लिए यूपी 100 नहीं बल्कि 112 डायल करना पड़ेगा। जानकारी के मुताबिक जनता से जुड़ी जरूरी सूचना अब डायल 100 की जगह 112 नम्बर पर सुनी जाएगी। 26 अक्टूबर से उत्तर प्रदेश पुलिस के इमर्जेंसी हेल्पलाइन 100 नंबर को 112 नंबर में परिवर्तित कर दिया गया। इस सेवा की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा की गयी। डायल 112 नंबर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई देशों में आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर के रूप में पूर्व से स्थापित है। 112 डायल कर पुलिस ,फायर, ऐम्बुलेंस, जीवन रक्षक की सेवा भी प्राप्त की जा सकेगी। लोगों को 112 नंबर से परिचित होने में समय लगेगा जिसकी वजह से 100 नंबर डायल करने पर भी कॉल रिसीव होगी और सम्भव सहायता प्रदान की जायेगी अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण द्वारा अवगत कराया गया कि कंट्रोल रूम में 112 सेवा के लिए पुलिसकर्मियों को कम्युनिटी पुलिसिंग ज्यादा से ज्यादा लोगों से समन्वय स्थापित करने और समस्या के समाधान के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

इस परियोजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में कहीं भी, किसी भी समय सभी व्यक्तियों, जिनमें विकलांग भी सम्मिलित हैं,। किसी भी आकस्मिकता की स्थिति में नागरिक फोन, एसएमएस, ईमेल आदि किसी भी संचार माध्यम से केन्द्र से सम्पर्क कर सकते हैं। ताकि वे शीघ्रता से नागरिकों तक पहुंच कर अपनी सेवायें प्रदान कर सकें। इस परियोजना में पुलिस की स्थल सेवाओं के साथ ही अग्निशमन सेवा तथा चिकित्सा सम्बन्धी आपातकालीन सेवाओं को भी एकीकृत किया गया है।