उपायुक्त उद्योग लालजीत सिंह ने लोगो को जागरूक करते हुए बताया कि ओजोन परत मानव जीवन के लिए प्राकृतिक रक्षा कवच है जो वायु मण्डल के समताप मण्डल में पायी जाती है और यह मानव के लिए घातक सूर्य से उत्सृजित पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित कर पृथ्वी पर मानव जीवन को सुरक्षा प्रदान करती है। उन्होने बताया कि ओजोन परत के क्षय होने पर इसके दुष्प्रभाव जैसे त्वचा रोग, त्वचा कैंसर, नेत्र रोग तथा अन्य गम्भीर स्वास्थ्य सम्बन्धी बीमारियां जन्म लेती है और इसके जिम्मेदार कारक क्लोरोफ्लोरो कार्बन है, इसका इस्तेमाल रेफ्रिजरेटिंग उपकरणों, वातानुकूलन उपकरणों में प्रशीतक के रूप में तथा हाइड्रोक्लोरोफ्लोरो कार्बन है, यह प्रतिस्थापक तौर पर प्लास्टिक फॉम विनिर्माण और अग्निशामक उपकरणों में रेफ्रिजरेंट, सॉल्वेट के रूप में प्रयुक्त किये जाते है। श्री सिंह ने कहा कि ओजोन परत सुरक्षित रखने के लिए उद्यमी ऐसे नव प्रवर्तनो को प्रोत्साहित करे जो हैलोजिनेटेड पदार्थो का न्यूनतम इस्तेमाल हो तथा उपभोगताओं को ओजोन परत अनुकूल उपकरण प्रयुक्त करने चाहिए। उन्होने कहा कि हम सब का दायित्व है कि भावी पीढ़ी को स्वस्थ्य एवं सुरक्षित रखने के लिए अधिक से अधिक वृक्ष लगाये और विकास की भी सतत् समावेशी संकल्पना को धूमिल न होने दे।
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