विकासवाद और वंशवाद के बीच छिड़ी जंग: मोदी

राजेन्द्र, सामाजिक समरसता- अवध प्रान्त (विश्व संवाद केन्द्र लखनऊ, मो. ९४५२२९०५९८)-


बहुत खुश हुए जब केंद्र और प्रदेश से वंशवाद का शासन समाप्त हो गया। राष्ट्रवादी एवं लोकतंत्रात्मक प्रणाली व विकास में विश्वास करने वालों की केंद्र और प्रदेश में सरकार आरूढ़ हुई। चारों तरफ खुशियों की लहर दौड़ गई, ढोल नगाड़े बजने लगे, मन की बात होने लगी, सेना को दुश्मनों से निपटने के लिए खुली छूट दे दी गई, जिसके परिणाम स्वरूप सर्जिकल स्ट्राइक को सबने देखा। नौजवानों और लघु व मध्यम उद्यमकर्ताओं के प्रशिक्षण तथा मेक इन इंडिया, स्टैंड अप इंडिया एवं स्टार्ट अप इंडिया के माध्यम से खुशहाल इंडिया का मार्ग प्रशस्त हुआ। ५०० और १००० रूपये के नोटों को जिस प्रकार एक झटके में बंद करने का निर्णय लिया गया और जिसे नोट बंदी का नाम दिया गया वह एक अद्भुत एवं सराहनीय कार्य रहा, जहां गरीबों ने अमीरों के बर्बादी का जश्न मनाया वहीं पाकिस्तान के साथ साथ आतंकवादियों की कमर टूट गई इनके हौसले पस्त हो गए। उत्तर प्रदेश के किसानों की ऋण माफ़ी योजना से जहां उनकी जीवन शैली बदल गई वहीं मुफ़्त गैस कनेक्शन ग्रामीण महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई साथ ही साथ मुफ्त बिजली कनेक्शन से अकल्पनीय रूप से लाखों लोग अंधेरे से उजाले में आ गए और उनका पारिवारिक जीवन विकास के पथ पर चल पड़े। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कर देश के करोड़ों लोगों का दिल जीत लिया। विदेश नीति के अंतर्गत सभी विकसित एवं विकासशील देशों को मित्र बना लेना मा० मोदी जी की अद्वितीय क्षमता का परिचायक है। मा० मोदी जी की भावी योजनाओं पर यदि विचार किया जाए तो लगता है कि अगले पाँच वर्षों में में भारत विश्व की अगुआई करने के लिये मन बना लिया है।

जय हिंद।