भारत और साइप्रस ने उन देशों के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया है जो अपने क्षेत्रों में हिंसक गुटों को शह देते हैं। दोनों देशों ने अंतराष्ट्रीय आतंकवाद पर नियंत्रण के लिए अंतरराष्ट्रीय संधि के शीघ्र सम्पन्न होने पर बल दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और साइप्रस के राष्ट्रपति निकौस अनास्तासिआदिस् के बीच द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत, सीमापार आतंकवाद से दशकों से लड़ रहा है और साइप्रस भी इस बात को मानता है कि सीमापार से संचालित आतंकवाद, वैश्विक शांति के लिए खतरा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर साइप्रस के साथ है। भारत ने सदैव साइप्रस की संप्रुभता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता का पुरजोर समर्थन किया है। श्री मोदी ने कहा कि साइप्रस और भारत के बीच घनिष्ठ आर्थिक संबंध हैं और साइप्रस भारत में आठवां सबसे बड़ा निवेशक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत साइप्रस के उद्यमियों के लिए निवेश के बेहतर अवसर देता है। श्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए साइप्रस के समर्थन की सराहना की।
राष्ट्रपति निकौस अनास्तासिआदिस् ने अपने बयान में कहा कि दोनों ही पक्षों ने नवीकरणीय ऊर्जा, शोध और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में द्वपक्षीय सहयोग और बढ़ाने की चर्चा की। साइप्रस के राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न स्तरों पर आपसी सहयोग क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सहायक रहेगा। उन्होंने कहा कि दोनों देश विश्व में स्थिरता, समृद्धि और सुरक्षा के लिए काम करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और मैंने समीक्षा की कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षी संबंध बेहतर है। हम नवीकरणीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में भी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और साइप्रस के राष्ट्रपति की उपस्थिति में विमान सेवा, कृषि, जहाजरानी और सांस्कृतिक शिक्षा और वैज्ञानिक सहयोग के क्षेत्रों में चार समझौते किए गए। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शीघ्र सुधार चाहते हैं। इससे पहले, आज सवेरे श्री निकौस अनास्तासिआदिस् का राष्ट्रपति भवन में विधिवत स्वागत किया गया।