मिट्टी की दीवारों और टपकती छत के नीचे जीवन जीने को विवश, प्रधानमंत्री आवास सिर्फ सपना

बेनीगंज– उत्तर प्रदेश सरकार गरीबों को भले ही पीएम आवास दिलाए जाने का वादा कर रही हो; पर आज भी बहुत से गरीब परिवार इस योजना से वंचित है। यह लोग बरसात के महीने में पुराने जर्जर मकानों में रहने को मजबूर हैं। बारिश से बचने के लिए इन परिवारों को पॉलिथीन का सहारा लेना पड़ता है। 

अहिरोरी विकासखंड के चठिया गांव निवासी शिवबक्स पुत्र गुलाम भी आवास से वंचितों में से एक है। 65 वर्षीय शिवबक्स उम्र के आखिरी पड़ाव पर होने के कारण शिथिल हैं। परिवार में पत्नी की मृत्यु के पश्चात सदमे में जिंदगी जी रहे हैं और आज भी मिट्टी की दीवार से बने मकान में जीवन यापन कर रहे है। पीड़ित के घर में छत के नाम पर कच्ची मिट्टी एवं सीमेंट की चद्दर छायी गयी है, जो बहुत पुरानी होने के साथ कई जगह से टूट एवं दरक गई है। थोड़ी सी बारिश के बाद घर में चारों ओर पानी टपकाने लगता है। इस दौरान घर में रखा जरूरी सामान भी भीग जाता है। 

शिवबक्स ने बताया वह बेहद गरीब हैं। डर बना रहता है कि बरसात का पानी कहीं उनके घर को न गिरा दे। कहते हैं कि लंबे समय से वह आवास की आस लगाए बैठे हैं। कई बार पत्नी व अपने नाम आवास के लिए ग्राम पंचायत प्रधान एवं सचिव को जरूरी कागज दिए हैं। आवास योजना की सूची में नाम भी था, पर आवास नहीं मिल सका। दर्जनों बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराया, जिसके बाद ग्राम प्रधान आदि के द्वारा समझा-बुझाकर मुझे भरमा दिया जाता है। 

उन्होंने कहा पुनः आईजीआरएस के माध्यम से जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजा है। उपरोक्त मामले के संबंध में पंचायत सचिव विनय कुमार से फोन वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि शिवबक्स की मृतक पत्नी के नाम प्रधानमंत्री आवास आया है। मैंने उनसे कहा है कि मृत्युप्रमाणपत्र एवं उत्तराधिकारपत्र उपलब्ध करा दें। तत्पश्चात उन्हें प्राथमिकता के तौर पर आवास की किस्त मुहैया करा दी जाएगी।