सौरभ कुमार ठाकुर (बालकवि एवं लेखक) मुजफ्फरपुर, बिहार, संपर्क:- 8800416537
कब तक सहूँगी प्रताड़ना,
कभी तो पूरी करो मेरी कामना ।
चीख-चीख कर रो रही हूँ मैं,
कभी तो मान लो मेरी कहना ।
मत करो तुम मेरी अवमानना,
नही तो बाद में होगा पछताना।
नारी शक्ति बन कर तैयार हूँ मैं,
अब कभी मत मुझसे टकराना ।
मत दो तुम किसी को प्रताड़ना,
दहेज के लिए बहुओं को मत जलाना ।
नही तो नारी चंडी बन जाएगी ।
फिर मुश्किल हो जाएगा तुम्हारा जीना ।
अब नहीं करना तुम किसी को प्रताड़ित,
अब तो है पूरा जागरूक जमाना ।