कोई भी मौसम आये

कोई भी मौसम आए और जाए ,
मेरा दिल तेरे लिए ही धड़केगा

बदल जाए ज़माना ,
तेरा दीवाना न बदलेगा।

मैंने तुझसे , जो वादा किया ,
तेरा आशिक़ निभाएगा।

मुझ पर भरोसा कर लो ! तुम ,
तुम्हें इतना यक़ीन कौन दिलाएगा ?

तुमको मुझसे अच्छा मिल जाएगा ,
मेरे जैसा तुम को कौन चाहेगा ?

मेरे सब्र का कितना इम्तिहान लोगी ,
तेरे दिल की बात जानता हूंँ ,
फिर भी मेरी चेतना तुझसे कहती है ,

ज़िंदगी के हर मोड़ पे मुझे याद करके तुम रोओगी।
दिल की बात जुबाँ पे आई है , बन जाओ ! मेरी जीवनसंगिनी ,
नहीं तो , तेरा दीवाना चला जाएगा।

चेतना प्रकाश चितेरी, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश