प्रेमपथ पर
मुझे भी चलना है
चल कान्हा मुझे भी
अब तेरे संग चलना है।
रंग जाऊं
तेरे रंग में सांवरिया
ऐसा प्रेम अब
मुझे भी तुमसे करना है।
मिट जाए अब
मन की हर अभिलाष
मुझे भी तेरे संग
ऐसा योगनाद करना है।
अपने पराये का भेद
मुझे भी अब नहीं करना है
सुनकर तुमसे गीता का ज्ञान
अब महाध्यान करना है।
डॉ० राजीव डोगरा
(युवा कवि व लेखक)
पता-गांव जनयानकड़
पिन कोड -176038
कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश