क्या खता हुई है हमसे तू मुझे याद करती नहीं

राजन कुमार साह- (Writer/Motivator)


क्या खता हुई है हमसे
तु मुझे याद करती नहीं है..
कभी करती थी बातें सात जन्मों की
अब इक पल साथ दे राजी नहीं है..

गर खुश है तू मुझको भूलाकर
इल्तजा ना खुद को सजा दो
मुझको यादकर..
दुनिया कहती है तु वेवफा है
पर मुझे इतना प्यार है क्यू?
कुछ सुनने को दिल राजी नहीं है..
क्या खता हुई है हमसे
तू मुझे याद करती नहीं है..

तू सही,मैं सही
पर कौन समझे कौन सही
पर जुदा हूँ तुझसे तेरे खातिर
इक तू…… समझती नहीं है..
क्या खता हुई है हमसे
तू मुझे याद करती नहीं है..

है तमन्ना मुकल्लम जहाँ में
हर तमन्ना अधूरा ही रहता है वफा मे
बेखबर वफा में हर सफर पूरा होता नहीं है..
क्या खता हुई है हमसे
तू मुझे याद करती नहीं है..

तुझसे बिछड़कर जिंदा हूँ अब तक
वजह तेरी यादों की उल्फत में कैद हूँ अब तक
तेरी याद खून की आँसू रूलाती है
ऐसी कोई सुबह तेरी याद आती नहीं हैं..
क्या खता हुई है हमसे
तु मुझे याद करती नहीं है..