भगवान कैसा होता है …….

प्रांशुल त्रिपाठी :

चलो ठीक है
तुम कहते हो तो मान लेता हूं
कि मां में भगवान होता है,
लेकिन मुझे यह तो बताओ
कि भगवान कैसा होता है ,
मां ने तो कभी आंसू तक नहीं आने दिया
फिर यह बताओ !
तुम्हारा यह भगवान रुलाता क्यों है ?
मां तो कांटे चुभने पर भी रोती है
लेकिन तुम्हारा यह भगवान
हमारा संसार छीन लेने पर भी
क्यो कभी रोता नहीं है ?
अरे मां तो अपने हर एक बच्चे की खुशी चाहती है
लेकिन तुम जिसे भगवान बताते हो ,
वह तो किसी को क्षण भर की खुशी देता है
तो किसी पर दुखों का पहाड़ छोड़ जाता है ,
मां तो कभी भी अपने बच्चे को
भूखे पेट सोने नहीं देती हैं
फिर यह बताओ !
तुम्हारे भगवान के मंदिर में ही
क्यों हर एक भिखारी भूखा सोता है ?
और तुम कहते हो
तुम्हारा भगवान यत्र तत्र सर्वत्र होता है
फिर यह बताओ!
तुम्हारे भगवान के होते हुए
क्यों 5 और 7 साल की बेटी का भी बलात्कार होता है?
तुम्हें मां में भगवान दिखता कैसे है
हमें तो मां के जैसा भगवान लगता नहीं है
क्या तुम अभी कहते हो ,
कि मां में भगवान होता है l
सच सच बताओ ना यार …
तुम्हारा यह भगवान कैसा होता है ?