डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय–
दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने काँग्रेस के प्रमुख नेता, देश के पूर्व-गृह, वित्त-वाणिज्यमन्त्री तथा विधिवेत्ता पी० चिदम्बरम् को दोषी माना था, जिसके आधार पर एक नाटकीय शैली में आज (२१ अगस्त) पहले उन्हें उनके घर से पुलिस-संरक्षण में लेकर सी०बी०आइ०-मुख्यालय में ले जाया गया और वहाँ औपचारिकताओं को पूर्ण कर बन्दी बना लिया गया। कितना श्रेयस्कर रहता, यदि चिदम्बरम् सी०बी०आइ० के सामने आ गये रहते और विधि का सम्मान करते हुए परीक्षण के लिए सी० बी० आइ० के अधिकारियों के साथ ससम्मान चले गये रहते; क्योंकि उनके विरुद्ध जो भी आरोप मढ़े गये हैं, उनके आधार पर उन्हें भी इसका संज्ञान था कि उन्हें बन्दी बनाने से कोई रोक नहीं सकता। यदि वे स्वच्छ छवि के हैं और उन पर लगाये गये ‘आरोप प्रभावहीन हैं तो वे अपने पक्ष में अकाट्य साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत कर, आरोपमुक्त हो सकते हैं। बेशक, इस तथ्य को हम अस्वीकार नहीं कर सकते हैं कि देश के कई राज्यों के प्रमुख चुनाव आसन्न हैं और काँग्रेस को अपमानित कर उसे देश के मतदाताओं की दृष्टि में इस दल को नीचा दिखाने का भी यह एक उपक्रम हो सकता है, कारण कि कल तक कई ऐसे नेता, जो किसी भी विपक्षी दल में होते थे और जिन पर आर्थिक भ्रष्टाचार के आरोप भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता ही मढ़ा करते थे और सी०बी०आइ० उनसे पूछ-ताछ करती थी, उनके भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित होते ही उन पर लगाये जानेवाले आरोप ‘गधे के सींग’ सिद्ध हो गये हैं।
सच तो यह है कि देश की राजनीति विडम्बनापूर्ण रही है। जिस किसी भी राजनीतिक दल की सत्ता रही है, उसने प्रतिशोध की राजनीति की है, इसलिए पी० चिदम्बरम् को आरोपित करना और उन्हें बन्दी बनाना कोई विस्मयकारी घटना नहीं है। ९ वर्ष २८ दिनों के पहले की घटना का हम स्मरण करें तो ज्ञात होगा कि गुजरात के छद्म सोहराबुद्दीन मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन की हत्या के आरोप में आज के गृहमन्त्री अमित चन्द्र शाह को बन्दी बना लिया गया था और उन्हें ‘तड़ीपार’ (गुजरात से बाहर रहने का दण्ड) का दण्ड दिया गया था। तब आज बन्दी बनाये गये पी० चिदम्बरम् देश के गृहमन्त्री थे, इसलिए हम इससे इंकार नहीं कर सकते कि यह ‘बदले की राजनीति है।
बहरहाल, अब कल से पक्षी-प्रतिपक्षी विधिवेत्ताओं के प्रश्न-प्रतिप्रश्न और उत्तर-प्रत्युत्तर के चक्र ‘राउज एवेन्यू कोर्ट’ (आर्थिक अपराध-शाखा) में आरम्भ होंगे।
(सर्वाधिकार सुरक्षित : डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २१ अगस्त, २०१९ ईसवी)