सूखे पड़े तालाबों से पशु पक्षियों के सामने पेयजल का संकट

15वें वित्त से तालाबों को भरने की व्यवस्था होने के बावजूद जिम्मेदार मौन

कछौना, हरदोई कोविड-19 महामारी के चलते ग्राम सभाओं में स्थित मनरेगा के तालाब व आबादी के तालाब सूखे पड़े हैं। इस भीषण गर्मी में पक्षियों व आवारा पशुओं के सामने पानी का संकट है। किसी भी तालाब में पानी नहीं है। जिन तालाबों में पानी था, उन तालाबों में मछली पकड़ने के कारण पानी उलच दिया गया है। वहीं अधिकांश किसान इन तालाबों के पानी से खेतों में सिंचाई से खाली कर दिए हैं। ग्राम सभाओं में अधिकांश तालाब आबादी में हैं। जिन पर ग्रामीणों ने अवैध कब्जा कर पाट दिए हैं। जिससे पशु पक्षियों के सामने पेयजल का संकट गहरा गया है। अवैध कब्जा के कारण जल स्तर का संकट खड़ा हो गया है। शासन प्रशासन ने इन तालाबों में पानी भरने की अभी तक सुध नहीं ली है। 15वें वित्त से तालाब को भरने की व्यवस्था है। लाखों रुपए खर्च कर बने तालाब सूखे पड़े हैं।

प्रशासन की अनदेखी के चलते पशु पक्षी व आवारा पशु बेहाल हैं। क्षेत्रीय विकास जन आंदोलन के संयोजक रामखेलावन कनौजिया ने बताया इन तालाबों को तत्काल नहर के पानी से भराया जाए, कम बजट में पानी भरने से पशु पक्षियों को इस भीषण गर्मी में राहत मिलेगी। गर्मी इन बेजुबान जानवरों पर सितम ढा रही है। मनुष्य के जीवन आधुनिक परिवेश में धीरे-धीरे व्यक्तिगत लाभ तक सीमित हो गया है। जिसके कारण वह प्राकृतिक संसाधनों के साथ जमकर अपने लाभ के लिए उपयोग कर रहा है। मनुष्य नैतिक जिम्मेदारी से विमुख होता चला जा रहा है। धीरे-धीरे कुँओं का अस्तित्व खत्म हो गया है। कोविड-19 महामारी से भी मनुष्य कुछ नहीं दिख रहा है। कभी यह तालाब भरे रहते थे, जो आज स्वयं प्यासे हैं। इन तालाबों में पानी भराये जाने के विषय में जब खंड विकास अधिकारी से वार्ता करनी चाही, तब उनका सीयूजी नंबर 9454465377 स्विच ऑफ था।

रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता