उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने क्षेत्रीय और स्थानीय भाषाओं को प्रशासनिक भाषा बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थाओं से भारतीय भाषाओं का संरक्षण करने और शोध को इस प्रकार आगे ले जाने को कहा, जिससे संस्कृति और परम्पराओं का संरक्षण हो सके।
हैदराबाद में पोट्टी श्रीरामुलू तेलुगू विश्वविद्यालय के 36वें स्थापना दिवस के अवसर पर उप-राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय की सेवाओं की सराहना की। देश में यह दूसरा विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना भाषा का संरक्षण करने और शोध करने के उद्देश्य से की गई है। उप-राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्वीकरण के मद्देनजर संस्कृति और परम्पराएं समुदायों की पहचान बनेंगी।
श्री वेंकैया नायडू ने विश्वविद्यालयों का आह्वान किया कि वे भाषा, संस्कृति, परम्पराओं और कला का संरक्षण करें तथा शोध जारी रखें। उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा के बारे में लोगों में हीनता की भावना आना खतरनाक है।