हरदोई– स्वास्थ्य विभाग की कुंभकर्णी नींद और मिलीभगत के चलते शाहाबाद में जच्चा-बच्चा की मौत होने का सिलसिला नहीं थम रहा है। झोला छाप डॉक्टरों द्वारा संचालित बड़े-बड़े हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी सेंटर में आए दिन गर्भवती महिलाओं और बच्चों की मौत हो रही है।
स्वास्थ्य विभाग कुंभकरण की नींद से जागने के बाद अस्पताल को सीज करने की कार्रवाई करके अपना पल्ला झाड़ लेता है और कुछ माह के बाद वही झोलाछाप डॉक्टर फिर से गोरखधंधा प्रारंभ कर देते हैं। यहां एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। पाली बाईपास स्थित रिलीफ हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी सेंटर में इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई। परिजनों ने रात्रि के वक्त हंगामा काट दिया। सूचना पाकर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह मामले को शांत किया गया। अस्पताल संचालक के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी गई है।
शाहाबाद पाली बाईपास स्थित रिलीफ हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी सेंटर पर दोपहर के बाद थाना पाली के ग्राम पैंतापुर निवासी अरविंद पुत्र रामप्रकाश ने अपनी गर्भवती पत्नी रोली देवी को 12:30 बजे के आसपास भर्ती कराया था। अरविंद के अनुसार अस्पताल के डॉक्टर ने खून की कमी बताते हुए खून लाने के लिए कहा। इसी दौरान उसकी पत्नी की मौत हो गई।
पत्नी की मौत हो जाने के बाद डॉक्टर ने प्राइवेट गाड़ी से शाहजहांपुर के सच्चिदानंद हॉस्पिटल भेज दिया। जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसकी पत्नी एक घंटे पहले ही मर चुकी है। अरविंद अपनी पत्नी का शव लेकर सीधे रिलीफ हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी सेंटर पहुंचा। यहां पर उसने फोन करके अपने गांव के लोगों को बुलाया और हंगामा काटना शुरू कर दिया। रात्रि के वक्त पाली बाईपास पर भारी भीड़ एकत्रित हो गयी।
अस्पताल प्रशासन ने को घिरता देखकर पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर कोतवाली पुलिस अस्पताल पहुंची है और किसी तरह मामले को शांत कराया। अस्पताल प्रशासन ने मृतका के परिजनों को पैसे का लालच दिया परंतु मृतका के परिजन नहीं माने। मृतका के पति अरविंद ने शाहाबाद कोतवाली में रिलीफ हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ तहरीर दी है।