महान भारत के उदय का भागीदार और प्रत्‍यक्षदर्शी बना हूँ : प्रणब मुखर्जी

निवर्तमान राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज शाम संसद के केंद्रीय कक्ष में अपने विदाई समारोह में  कहा कि संसद के प्रत्‍येक सदस्‍य के विचार महत्‍वपूर्ण हैं और यह दुर्भाग्‍यपूर्ण है कि विधायी कार्यों के लिए नियत संसदीय समय में कमी आ गई है। श्री मुखर्जी ने कहा है कि संसद बहस विचार-विमर्श और असहमति व्‍यक्‍त करने की जगह है और इसमें बाधा से सरकार की तुलना में विपक्ष को ज्‍यादा नुकसान होता है। उन्‍होंने कहा कि इससे विपक्ष को आम जनता के सरोकारों को संसद में उठाने का अवसर नहीं मिल पाता।

किसी भी कानून के बनने से पहले पूरी छानबीन और पर्याप्‍त चर्चा पर बल देते हुए उन्‍होंने कहा कि जब संसद कानून बनाने के अपने कर्तव्‍य में विफल होती है या बिना चर्चा के कानून बनाए जाते हैं तो संसद पर लोगों का भरोसा टूटता है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि अध्‍यादेश बनाने का मार्ग केवल बाध्‍यकारी परिस्थितियों में ही अपनाया जाना चाहिए और मौद्रिक मामलों में तो अध्‍यादेश कतई नहीं लाना चाहिए। श्री मुखर्जी ने कहा कि अध्‍यादेश उन मामलों में भी नहीं लाना चाहिए जिन पर संसद में या संसदीय समितियों में विचार हो रहा हो।

राष्‍ट्रपति ने वस्‍तु और सेवा कर वि‍धेयक के पारित होने को शानदार बताया और कहा कि यह सहकारी संघवाद का सुंदर उदाहरण है। श्री मुखर्जी ने कहा कि उन्‍हें महान भारत के उदय के भागीदार होने और प्रत्‍यक्षदर्शी बनने का विशेष अवसर प्राप्‍त हुआ है। उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सलाह और सहयोग से उन्‍हें लाभ हुआ है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि श्री मोदी बदलाव के लिए पूरे जोश और ऊर्जा के साथ जुटे हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि श्री मोदी के साथ उनके संबंध उन्‍हें आने वाले समय में भी याद रहेंगे।

उप राष्‍ट्रपति हामिद अंसारी ने इस अवसर पर कहा कि राष्‍ट्रपति मुखर्जी के कार्यकाल में राष्‍ट्रपति कार्यालय की प्रतिष्‍ठा और गरिमा बढी है। श्री अंसारी ने कहा कि श्री मुखर्जी का लंबा राजनीतिक जीवन सांसदों और लोगों के लिए एक सबक है तथा आने वाली पीढि़या उससे प्रेरणा लेगी। लोकसभा अध्‍यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि श्री मुखर्जी ने अपनी संवैधानिक जिम्‍मेदारियां गरिमा और प्रतिष्‍ठा के साथ निभाई हैं। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रपति ने मानव विकास के लिए शिक्षा और अनुसंधान की आवश्‍यकता तथा उच्‍च शिक्षा में सुधार की जरूरत पर बल दिया है।

श्रीमती महाजन ने इस अवसर पर श्री मुखर्जी को एक कॉफी टेबल पुस्तिका भी भेंट की। इस पर सांसदों के हस्‍ताक्षर भी हैं। विदाई समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी अपने  मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ मौजूद थे। इनके अलावा विभिन्‍न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एच डी देवेगौडा, कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी, जनता दल युनाइटेड के नेता शरद यादव और समाजवादी पार्टी के संस्‍थापक नेता मुलायम सिंह यादव  शामिल थे। श्री प्रणब मुखर्जी का पांच वर्ष का कार्यकाल कल समाप्‍त हो रहा है। नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद मंगलवार को पद की शपथ लेंगे।